Rajasthan Board RBSE Class 7 Hindi Chapter 1 सादर नमन (कविता)
Rajasthan Board RBSE Class 7 Hindi Chapter 1 सादर नमन (कविता)
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर
पाठसे।
सोचें और बताएँ
प्रश्न 1.
उजियारे का सपूत किसे कहा गया है?
उत्तर:
लोगों के जीवन में छाए निराशा के अँधेरे को चुनौती देने वाले को ‘उजियारे का सपूत’ कहा गया है।
प्रश्न 2.
मानवता का माली किसे बताया गया है?
उत्तर:
दूसरों के जीवन में आई बाधाएँ दूर करने, उनके जीवन को सुखी बनाने वाले को ‘मानवता का माली’ कहा गया है।
प्रश्न 3.
कविता में किसे नमन किया गया है?
उत्तर:
कविता में उन लोगों को नमन किया गया है जो अपनी चिंता न करके दूसरों की भलाई में लगे रहते हैं।
लिखें
उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(सहारा, पहला, जय, तिलक)
1. जिसने………..हाथ बढ़ाकर सबको दिया………..है।
2. जिसने पहला………..लगाकर……….का मंत्र उचारा है।
उत्तर:
1. पहला, सहारा,
2. तिलक, जय।
अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कवि ने किन-किन को सादर नमन किया है?
उत्तर:
कवि ने अंधकार में दीप जलाने वाले, पथ का रूप सँवारने वाले, मँझधार में माँझी के समान संकट से उबारने वाले, मानवता के रक्षक और मातृभूमि की रक्षा में शहीद हो जाने वाले को सादर नमन किया है।
प्रश्न 2.
कविता में कौन से माँझी को नमन किया गया है?
उत्तर:
कविता में सबको सहारा देने वाले मँझधार के माँझी को नमन किया गया है।
प्रश्न 3.
आपके अनुसार इस कविता का ‘सादर नमन के अतिरिक्त और क्या शीर्षक हो सकता है?
उत्तर:
कविता का अन्य शीर्षक -अग्रगामियों (आगे रहने वालों) को नमन’ हो सकता है।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जिसने पहला दीप जलाकर अँधियारे को ललकारा है।’ यहाँ पहला दीप जलाने से क्या आशय है?
उत्तर:
अँधियारा शब्द अँधेरे के अलावा निराशा, अज्ञान आदि का भी अर्थ देता है। इसी प्रकार दीपक जलाने का आशय निराशा और अज्ञान को दूर करना है। यहाँ पहला दीप जलाने का भाव यह है कि जिसने इस महान कार्य का सबसे पहले आरंभ किया और निराशा तथा अज्ञान को मिटाने को संकल्प लिया, वह व्यक्ति हम सबके लिए आदरणीय
प्रश्न 2.
‘मानवता का माली’ पद में ‘माली’ शब्द का क्या आशय है?
उत्तर:
माली का कार्य उपवन से काँटे दूर करके फूलों को खिलने का अवसर देना है। वह बाग का रक्षक और पालनकर्ता भी होता है। इस पद्यांश में ‘मानवता का माली’ पद का आशय है-मानव के अच्छे गुणों दा रखवाला, मानव जीवन के शूलों अर्थात् कष्ट और बाधाओं को दूर करके, उसमें फूल खिलाने वाला अर्थात् सुख-सुविधाएँ लाने वाला।
प्रश्न 3.
“पहला शूल हटाकर फूलों को सत्कारा है।” का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘शूल’ शब्द कष्ट और बाधाओं के अर्थ में प्रयोग किया जाता है। ‘फूल’ शब्द सुख-सुविधा और प्रसन्नता का प्रतीक है। दूसरों के जीवन से शूल जैसे कष्ट और बाधाएँ हटाने का उत्तम काम जिसने सबसे पहले आरंभ किया और उनके स्थान पर सुख-साधन लाने की पहल की, वह व्यक्ति सादर नमन का अधिकारी है।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जिसने सबसे पहले चुनौती स्वीकार कर विजय दिलवाई है, प्राण न्योछावर करने वाले मातृभूमि के उस वीर को हमारा सादर नमस्कार है।’ उक्त भाव जिन पंक्तियों में है, उन्हें लिखकर व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
संबंधित पंक्तियाँ निम्नलिखित हैंजिसने पहला तिलक लगाकर, जय का मंत्र उचारा है। मातृभूमि के उस शहीद को सादर नमन हमारा है।
व्याख्या-कवि उस वीर शहीद को आदरपूर्वक नमन कर रहा है, जिसने सबसे पहले मातृभूमि की रक्षा की चुनौती को स्वीकार किया। मस्तक पर विदाई का टीका लगवाकर, मातृभूमि की जय बोलते हुए जो युद्धभूमि में शहीद हो गया।
प्रश्न 2.
अच्छे कार्य करने वाले व्यक्ति के प्रति हमारी भावनाएँ कैसी होती हैं? उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर:
लोगों के जीवन में आशा और प्रसन्नता लाना, उनका सही मार्गदर्शन करना, संकट में सहारा देना, बाधाएँ दूर करके लोगों को सुख-सुविधाएँ प्रदान करना तथा मातृभूमि की सेवा में सबसे पहले आगे आना और अपने प्राणों की बाजी लगा देना, ऐसे कार्य हैं जिनकी सदा प्रशंसा होती है। ऐसे व्यक्तियों का समाज सदा सम्मान करता है और उनके मार्ग पर चलने का प्रयास करता है।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
कविता में ‘सादर’ शब्द आया है। ‘सादर’ शब्द ‘आदर’ में ‘स’ जोड़ने पर (स + आदर = सादर) बना है। इसका अर्थ होता है। आदर सहित। नीचे लिखे शब्दों में ‘स’ जोड़कर नए शब्द बनाइए और उनके अर्थ लिखिएप्रेम, विनय, हर्ष, परिवार, कुशल।
उत्तर:
प्रश्न 2.
जिसने पहली पाँव बढ़ाकर पथ का रूप सँवारा है। वाक्य में रेखांकित शब्द का अर्थ है बढ़ा करके। जब किसी वाक्य में दो क्रियाएँ प्रयुक्त हुई हों तथा उनमें से एक क्रिया दूसरी क्रिया से पहले संपन्न हुई हो तो पहले संपन्न होने वाली क्रिया पूर्वकालिक क्रिया कहलाती है। इसे ‘कर’ प्रत्यय से पहचाना जाता है। आप भी कविता में से पूर्वकालिक क्रिया शब्द अँटकर लिखिए।
उत्तर:
पूर्वकालिक क्रिया शब्द-जलाकर, हटाकर, लगाकर।
पाठसे आगे
प्रश्न 1.
इस कविता में ‘सादर नमन हमारा है’ बार-बार आया है। आप किन-किन लोगों के लिए सादर नमन हमारा है’ लिखना चाहेंगे और क्यों ? लिखिए।
उत्तर:
हम उन सभी लोगों के लिए सादर नमन हमारा है’ लिखना चाहेंगे जिन्होंने किसी भी रूप में लोगों की सहायता, सेवा और उपकार किया है। लोगों का अज्ञान, कष्ट, बाधाएँ दूर करके उनके जीवन में सुख-शांति लाने का प्रयास किया है। देश की सेवा में प्राणों को दाँव पर लगा देने वाले वीर भी हमारे द्वारा नमन के पात्र हैं।
प्रश्न 2.
इस कविता को याद करके बाल-सभा में सुनाएँ।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
सृजन
प्रश्न 1.
कविता में प्रत्येक चरण के अंत में ‘सादर नमन हमारा है’ लिखा हुआ है। आप भी ऐसे चरण जोड़कर कविता को आगे बढ़ाइए।
उत्तर- जिसने पहला श्रम दानकर
श्रमहीनों को फटकारा है।
कर्तव्य पथ के उस श्रमवीर को
सादर नमन हमारा है।
प्रश्न 2.
इसी भाव की कोई अन्य कविता हूँढ़कर ‘मेरा संकलन’ में लिखिए।
उत्तर:
मन समर्पित, तन समर्पित
और यह जीवन समर्पित
चाहता हूँ देश की धरती
तुझे कुछ और भी हूँ
प्रश्न 3.
गद्य में कर्ता, कर्म और क्रिया के क्रम को ध्यान में रखा जाता है और पद्य में लय और तुक मिलाई जाती है। गद्य और पद्य में मुख्य रूप से यही अंतर होता है। आप भी दी गई पद्य पंक्तियों को गद्य में बदलकर लिखिए
(1) हम पंछी उन्मुक्त गगन के पिंजरबद्ध न गा पाएँगे।
(2) हम भारत के भरत खेलते शेरों की संतान से।
(3) सबसे प्यारा जग से न्यारा भारत देश हमारा है।
उत्तर:
(1) हम उन्मुक्त गगन के पंछी हैं, हम पिंजरे में बँधकर ने गा पाएँगे।
(2) हम भारत के भरत (हैं), (हम) शेरों की संतान से खेलते हैं।
(3) हमारा भारत देश सबसे प्यारा और जग से न्यारा है।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
पहला दीप जलाकर ललकारा गया है
(क) चोरों को
(ख) भूत-प्रेतों को
(ग) अंधकार को
(घ) अज्ञानियों को।
प्रश्न 2.
अजियारे का सपूत है
(क) दीपक
(ख) ज्ञान
(ग) पहला दीप जलाने वाला
(घ) सुख।
प्रश्न 3.
मँझधारों का माँझी है
(क) एक मल्लाह
(ख) कुशल नाविक
(ग) संकट में सहायक
(घ) मँझधार में ही नाव चलाने वाला।
प्रश्न 4.
फूलों को सत्कारा है’ का आशय है
(क) फूलों का स्वागत किया है।
(ख) फूलों के पौधे लगाए हैं।
(ग) फूलों का सम्मान बढ़ाया है।
(घ) मार्ग पर फूल बरसाए हैं।
प्रश्न 5.
मानवता को माली है
(क) मानवों को माला पहनाने वाला।
(ख) मानवता नामक बाग का माली
(ग) मानवों के गुणों को सँवारने वाला।
(घ) मानवों को सुंदर रूप देने वाला।
उत्तर:
1. (ग)
2. (ग)
3. (ग)
4. (ग)
5. (ग)
रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित शब्द से कीजिए
प्रश्न 1.
जिसने पहला……………. जलाकर अँधियारे को ललकारा है। (ज्योति/दीप)
प्रश्न 2.
निर्जन.. …………….के उस पथिक को सादर नमन हमारा है। (वन/मन)
प्रश्न 3.
जिसने पहला शूल हटाकर फूलों को……………..है। (सत्कारा/दुत्कारा)
प्रश्न 4.
मातृभूमि के उस…………….को सादर नमन हमारा है। (सेनानी/शहीद)
उत्तर:
1. दीप
2. वन
3. सत्कारा
4. शहीद।
अति लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
अँधियारे को ललकारने का आशय क्या है ? लिखिए।
उत्तर:
निराशा और अज्ञान को मिटाने की चुनौती देना, अंधकार को ललकारना है।
प्रश्न 2.
‘पहला पाँव बढ़ाने वाला’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी कार्य को करने के लिए जो सबसे पहले आगे आता है वह पहला पाँव बढ़ाने वाला होता है।
प्रश्न 3.
मँझधारों का माँझी क्या करता है ?
उत्तर:
मॅझधार में फंसे लोगों को सुरक्षित किनारे तक पहुँचाने वाला मँझधारों का माँझी है।
प्रश्न 4.
पहला शूल हटाने वाले को कवि ने क्या बताया
उत्तर:
कवि ने उसे फूलों का सत्कार करने वाला बताया
लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
पहला दीप जलाने वाले तथा पहला पाँव बढ़ाने वाले को कवि सादर नमन क्यों करता है ?
उत्तर:
निराशा और दुखों में डूबे लोगों की जिंदगी में आशा को उजाला भरने वाला, लोगों में अपने जीवन को सुधारने की प्रेरणा देता है। इसलिए कवि उसका सम्मान करता है। इसी प्रकार निर्जन वन का पथिक लोगों में आगे बढ़ने का उत्साह पैदा करता है। वह मार्ग को सुगम बनाता है। इसलिए ही वह नमन के योग्य है।
प्रश्न 2.
हाथ बढ़ाकर सहारा देने वाला कौन है ? उसे नमन करने का क्या कारण है ? लिखिए।
उत्तर:
संकट में फंसे लोगों की हाथ बढ़ाकर सहायता करने वाला व्यक्ति सच्चा मित्र है। लेखक ने उसे मँझधारों का माँझी कहा है। नदी की बीच धार में नौका खेने वाला वह साहसी, जल में डूबते लोगों का हाथ पकड़कर उन्हें बचाता है। भाव यह है कि जिन लोगों का जीवन घोर संकट में पड़ा होता है, उनकी रक्षा के लिए वह माँझी अर्थात् रक्षक बन कर आगे आता है। इसीलिए वह नमन किए जाने योग्य है।
प्रश्न 3.
कवि ने मानवता का माली किसे और क्यों बताया है ?
उत्तर:
कवि ने सबके जीवन से कष्ट दूर करके प्रसन्नता भर देने वाले को मानवता का माली कहा है। मानव जीवन को एक बगीचे के समान सँवारने के लिए आगे आने के कारण उसे मानवता का माली कहा गया है।
प्रश्न 4.
मानवता की सेवक और मातृभूमि का भक्त व्यक्ति सबसे आदर और सम्मान पाता है। क्यों ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ऐसा व्यक्ति लोगों के जीवन से दुखों और बाधाओं को हटाकर उनके जीवन में प्रसन्नता लाता है। वह अच्छे मनुष्य के अच्छे गुणों का रक्षक है। इसी प्रकार मातृभूमि का भक्त भी उस पर संकट आने के समय सबसे पहले आगे आता है और जन्मभूमि की विजय के लिए अपने प्राण तक अर्पित कर देता है। इसी कारण ऐसे व्यक्ति को जनता सम्मान के साथ याद किया करती है।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
‘सादर नमन’ कविता में कौन-कौन से मानवीय गुणों की प्रशंसा की गई है ? लिखिए।
उत्तर:
‘सादर नमन’ कविता उन लोगों के प्रति एक श्रद्धांजलि है जिन्होंने अपने कार्यों से मानवता का मस्तक ऊँचा किया है। इसमें समाज के अज्ञान और निराशा को चुनौती देने और आशा की ज्योति जगाने वाले व्यक्ति को नमन किया गया है। इसी प्रकार भटके लोगों को सही रास्ता दिखाना, अकेले पड़ गए लोगों की सहायता करना भी श्रेष्ठ मानवीय गुण हैं। संकटग्रस्त लोगों की प्राण रक्षा करना, जीवन से शूल हटाकर फूल बिखेरना भी महान गुण हैं। इन सबसे श्रेष्ठ गुण है-मातृभूमि की रक्षा के लिए प्राणों की बलि दे देना। इन सभी मानवीय गुणों की लेखक ने बार-बार प्रशंसा की है।
प्रश्न 2.
‘सादर नमन’ कविता से आपको क्या प्रेरणा प्राप्त होती है ?
उत्तर:
‘सादर नमन’ कविता हमें अच्छा मनुष्य बनने की प्रेरणा देती है। अपने सुख की चिंता और दुख से छुटकारा पाने में तो सभी रुचि लेते हैं। दूसरों की भलाई के लिए कष्ट सहना, खतरे उठाना, एक श्रेष्ठ मानव होने की निशानी है। कविता पढ़कर हमारे मन में भी यह भावना उत्पन्न होती है। कि हम भी लोगों को निराशा और अज्ञान से बचाएँ। लोगों को सही रास्ता दिखाएँ। संकट में फंसे लोगों की सहायता के लिए साहस के साथ आगे आएँ। लोगों के जीवन से कष्ट और विघ्न-बाधाएँ दूर करके उन्हें सुख-सुविधाएँ दिलाएँ। जब-जब जन्मभूमि पर संकट आए तो सबसे पहले उसकी रक्षा के लिए निकल पड़े। यदि उसकी रक्षा में हमारे प्राण | भी चले जाएँ, तो अपने जीवन को धन्य मानें।
पद्यांशों की सप्रसंग व्याख्याएँ
(1)
जिसने पहला दीप जलाकर अँधियारे को ललकारा है, उजियारे के उस सपूत को, सादर नमन हमारा है।
कठिन शब्दार्थ-
दीप जलाकर = आशा जगाकर।, ललकारा = चुनौती दी।, अंधियारा = दु:ख और निराशा।, उजियारा = उजाला, सपूत = अच्छा पुत्र या आशा दिलाने वाला।
संदर्भ तथा प्रसंग-
प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक की कविता सादर नमन’ से लिया गया है। इसमें कवि सभी में आशा-उत्साह भरने वाले लोगों को नमन कर रहा है।
व्याख्या/भावार्थ-
दु:ख और निराशा जीवन में छाये अंधकार के समान हैं। जो व्यक्ति आगे आकर दूसरों के जीवन में आशा और उत्साह का उजाला फैलाता है, वह आदर और प्रणाम के योग्य है।
(2)
जिसने पहला पाँव बढ़ाकर, पथ का रूप सँवारी है,
निर्जन वन के उस पथिक को, सादर नमन हमारा है।
कठिन शब्दार्थ-
पहला पाँव बढ़ाना = सबसे पहले आगे चलना।, रूप सँवारा = मार्ग या जीवन को सुविधाजनक बनाया है।, निर्जन = सुनसान, जहाँ कोई व्यक्ति न हो।, पथिक = राही, मनुष्य।
संदर्भ तथा प्रसंग-
प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक की कविता ‘सादर नमन’ से लिया गया है। इस अंश में कवि लोगों को आगे बढ़कर राह दिखाने वाले उपकारी व्यक्ति को प्रणाम कर रहा है।
व्याख्या/भावार्थ-
जब कोई राह दिखाने वाला और सहायक न हो, तब जो मनुष्य आगे आकर दूसरों का मार्गदर्शक और सहायक बनता है, उसे कवि सादर नमस्कार करता है।
(3)
जिसने पहला हाथ बढ़ाकर, सबको दिया सहारा है,
मँझधारों के उस माँझी को, सादर नमन हमारा है।
कठिन शब्दार्थ-
हाथ बढ़ाना = सहायता करना, मॅझधार = नदी की धारा का बीच।, माँझी = मल्लाह, केवट।
संदर्भ तथा प्रसंग-
यह पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक की रचना ‘सादर नमन’ से लिया गया है। इस अंश में कवि दूसरों की सहायता करने वालों को आदर के साथ प्रणाम कर रहा है।
व्याख्या/भावार्थ-
जो व्यक्ति संकट में पड़े लोगों की सबसे पहले आगे आकर सहायता करता है, वह मैंझधार में हँसी नाव को पार लगाने वाले मल्लाह के समान है। कवि ऐसे व्यक्ति को सादर नमन करता है।
(4)
जिसने पहला शूल हटाकर, फूलों को सत्कारा है,
मानवता के उस माली को, सादर नमन हमारा है।
कठिन शब्दार्थ-
शूल = काँटा, कठिनाई।, फूल = सुविधाएँ।, मानवता = मनुष्य के अच्छे गुण।, माली = बाग का रक्षक, पालन-पोषण और रक्षा करने वाला।
संदर्भ तथा प्रसंग-
प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘सादर नमन’ नामक कविता से लिया गया है। दूसरों के जीवन में आने वाली बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करने वालों को कवि नमस्कार कर रहा है।
व्याख्या/भावार्थ-
जीवन एक पथ के समान है। जो व्यक्ति दूसरों के जीवन-पथ में आने वाली बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करे और उनके जीवन में सुविधाओं के फूल बिछाए, वह सच्चा मानव होता है। वह फूलों की रक्षा और शूलों को दूर करने वाले माली के समान होता है। कवि उसे आदर सहित नमन कर रहा है।
(5)
जिसने पहला तिलक लगाकर जय का मंत्र उचारा है;
मातृभूमि के उस शहीद को, सादर नमन हमारा है।
कठिन शब्दार्थ-
तिलक = युद्ध भूमि में जाने से पहले मस्तक पर लगाए जाने वाला टीका, जय का मंत्र = विजयी होने का संकल्प।, उचारा = बोला, शहीद = कर्तव्य पालन करते हुए प्राण देने वाला।
संदर्भ तथा प्रसंग-
प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘सादर नमन’ नामक कविता से लिया गया है। कवि मातृभूमि की रक्षा में प्राणों का बलिदान करने वाले वीरों को प्रणाम कर रहा है।
व्याख्या/भावार्थ-
मातृभूमि पर शत्रु के आक्रमण का संकट आने पर जो वीर सैनिक सबसे आगे आकर और मस्तक पर विदाई का टीका लगवाकर रणभूमि को चल देता है और जन्मभूमि की विजय का नारा गुंजाता है और शहीद हो जाता है। ऐसे बलिदानी वीर को कवि बार-बार नमन करता है।