Rajasthan Board RBSE Class 7 Hindi व्याकरण समास
Rajasthan Board RBSE Class 7 Hindi व्याकरण समास
‘समास’ का अर्थ है- सम्+आस अर्थात् पास बिठाना। शब्दों को पास-पास बिठाना, जिससे कम शब्द प्रयोग करके अधिक अर्थ प्राप्त किया जा सके। ऐसा करने के लिए पदों में प्रयुक्त परसर्ग चिह्न हटा लिए जाते हैं तथा विग्रह करते समय उन्हीं परसर्ग चिह्न को पुनः लगा लिया जाता है। जैसे- “रसोई के लिए घर” इस पद से परसर्ग चिहन के लिए हटा लेने पर रसोईघर” शेष बचता है। इसे समस्त पद कहते हैं।
परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
समास किसे कहते हैं?
उत्तर:
परस्पर संबंध रखने वाले दो या दो से अधिक शब्दों के मेल का नाम समास है। जैसे- राजा का पुत्र = राजपुत्र।
प्रश्न 2.
तत्पुरुष समास किसे कहते हैं? उदाहरण सहित। समझाइए।
उत्तर:
जिस समास में वितीय पद प्रधान हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं, जैसे- विद्यालय = विद्या के लिए आलय। पथभ्रष्ट = पथ से भ्रष्ट।
प्रश्न 3.
समास के कितने भेद हैं? नाम सहित बताइए।
उत्तर:
समास के छः भेद होते हैं-
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- द्विगु समास
- बहुव्रीहि समास
- द्वंद्व समास
- अव्ययीभाव समासे।
प्रश्न 4.
अव्ययीभाव समास किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए
उत्तर:
जिस समास में पहला पद अव्यय और दूसरा पद संज्ञा होता है, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं; जैसे-यथाशक्ति = शक्ति के अनुसार, प्रतिदिन = दिन – दिन।
प्रश्न 5.
कर्मधारय समास किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
जिस समास में पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है, उसे कर्मधारय समास कहते हैं; जैसे – नीलकमल = नीला है जो कमल, पीतवसन = पीला है। जो वस्त्र, चंद्रमुख = चंद्र के समान मुख।
प्रश्न 6.
दविगु समास किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
जिस समास में पहला पद संख्यावाची और दूसरा पद संज्ञा होता है साथ ही समूह का बोध होता है, वहाँ विगु समास होता है; जैसे – त्रिभुवन = तीनों भवनों का समूह, त्रिफला = तीन फलों का समूह, अष्टकोण = आठ कोणों का समूह।
प्रश्न 7.
द्वंद्व समास किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
जिस समास में दोनों पदों की प्रधानता होती है। तथा दोनों पदों के बीच ‘और’ शब्द का लोप होता है, वहाँ द्वंद्व समास होता है; जैसे- माता-पिता = माता और पिता । सुख-दु:ख = सुख और दुःख। सीता-राम = सीता और राम।
प्रश्न 8.
बहुव्रीहि समास किसे कहते हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
जिस समास में प्रस्तुत पद की प्रधानता न होकर अन्य पद प्रधान होता है, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं; जैसे – चतुरानन = चार हैं आनन जिसके अर्थात् ब्रह्मा। चक्रपाणि = चक्र है पाणि में जिसके अर्थात् विष्णु।
प्रश्न 9.
‘ऋषि-पत्नी’ का विग्रह होगा-
(क) ऋषि की पत्नी
(ख) ऋषि और पत्नी
(ग) ऋषि के लिए पत्नी
(घ) ऋषि द्वारा पत्नी।
उत्तर:
(क) ऋषि की पत्नी।
प्रश्न 10.
“भाग-दौड़’ में प्रयुक्त समास है-
(क) विगु
(ख) द्वं द्व
(ग) तत्पुरुष
(घ) कर्मधारय
उत्तर:
(ख) द्वं द्व
प्रश्न 11.
कर्मधारय समास का उदाहरण है-
(क) पिता-पुत्र
(ख) नीलकमल
(ग) चौराहा
(घ) पंचपात्र।
उत्तर:
(ख) नीलकमल
प्रश्न 12.
बहुव्रीहि समास का उदाहरण है-
(क) दशानन
(ख) सप्तर्षि
(ग) कृष्णसर्प
(घ) तुलसीकृत।
उत्तर:
(क) दशानन।
प्रश्न 13.
अव्ययीभाव समास का उदाहरण है-
(क) लंबोदर
(ख) प्रतिदिन
(ग) नीलांबर
(घ) सप्तरथी।
उत्तर:
(ख) प्रतिदिन।
प्रश्न 14.
निम्नलिखित सामासिक पदों का विग्रह कर समास का नाम लिखिए
उत्तर:
अकालपीड़ित = अकाल से पीड़ित-करण तत्पुरुष समास। सभामंडप = सभा के लिए मंडप – संप्रदान तत्पुरुष समास। पापमुक्त = पाप से मुक्त – अपादान तत्पुरुष। देशवासी = देश का वासी – संबंध तत्पुरुष। पुरुषोत्तम = पुरुषों में उत्तम – अधिकरण तत्पुरुष तथा पुरुषों में जो है उत्तम – कर्मधारय समास। पीतांबर = पीत है जो अंबर – कर्मधारय समास तथा पीत है अंबर जिसका (कृष्ण) – बहुव्रीहि समास। चंद्रमुख = चंद्रमा के समान मुख – कर्मधारय समास। पंचवटी = पाँच वटों को समाहार – विगु समास। लंबोदर = लंबा है। उदर जिसका (गणेश) – बहुव्रीहि समास। नर-नारी = नर और नारी – द्वंद्व समास। राजा-रानी = राजा और रानी – द्वंद्व समास। प्रतिदिन = दिन-दिन- अव्ययीभाव समास। यथाशक्ति = शक्ति के अनुसार – अव्ययीभाव समास। चरणकमल = कमल जैसे चरण – कर्मधारय समास। वनवास = वन में वास – अधिकरण तत्पुरुष समास।