Rajasthan Board RBSE Class 6 Science Chapter 6 सजीव एवं निर्जीव
Rajasthan Board RBSE Class 6 Science Chapter 6 सजीव एवं निर्जीव
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर
सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
सजीव एवं निर्जीव के बीच की योजक कड़ी है।
(अ) विषाणु
(ब) मेज
(स) गाय
(द) कोई नहीं
उत्तर:
(अ) विषाणु
प्रश्न 2.
सजीवों की प्रजातियों के अस्तित्व के लिए आवश्यक
(अ) श्वसन
(ब) प्रजनन
(स) गति
(द) वृद्धि
उत्तर:
(ब) प्रजनन
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- सजीव उद्दीपन के प्रति……..करते हैं।
- पादप अपना भोजन स्वयं…………..की क्रिया द्वारा बनाते
- जन्तु श्वसन क्रिया में……….का उपयोग करते हैं एवं…………बाहर छोड़ते हैं।
- सूरजमुखी के पौधे का सूर्य के प्रकाश की ओर मुड़ना……….का लक्षण है।
उत्तर:
- अनुक्रिया
- प्रकाश संश्लेषण
- ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड
- गति
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सजीवों में पाए जाने वाले लक्षणों की सूची बनाइए।
उत्तर:
सजीवों में निम्नलिखित लक्षण पाए जाते हैं
- सजीव भोजन ग्रहण करते हैं।
- सजीव वृद्धि करते हैं।
- सजीव श्वसन करते हैं।
- सजीव स्वयं गति करते हैं।
- सजीव संवेदनशील होते हैं तथा उद्दीपनों के प्रति अनुक्रिया करते हैं।
- सजीवों में उत्सर्जन क्रिया होती है।
- सजीवों में प्रजनन क्रिया होती है।
- सजीवों का जीवनकाल निश्चित होता है।
प्रश्न 2.
श्वसन क्रिया क्या है ? समझाइए।
उत्तर:
शरीर में ऑक्सीजन द्वारा ग्लूकोज के विघटन से जैविक ऊर्जा को मुक्त होना श्वसन (Respiration) कहलाता है। श्वसन क्रिया में सजीव के शरीर और वातावरण के बीच गैसों का आदान-प्रदान होता है। वातावरण से ऑक्सीजन ग्रहण की जाती है तथा कार्बन डाइऑक्साइड वातावरण में छोड़ी जाती है।
प्रश्न 3.
पादपों में गति को प्रदर्शित करने वाला एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
पादपों में भी गति के कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। उदाहरण के लिए सूरजमुखी का पुष्प सूरज की स्थिति के अनुरूप गति प्रदर्शित करता है। अर्थात् यह सूर्य की ओर मुड़ता रहता है।
प्रश्न 4.
पादपों में उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया प्रदर्शित करने वाले दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
पादप उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया प्रदर्शित करते हैं,
उदाहरणतः
- छुई-मुई की पत्तियों को छूने पर ये मुरझा जाती हैं।
- कमल के पुष्प शाम के समय बन्द हो जाते हैं।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
जन्तु एवं पादपों की गति को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
सभी जीव-जन्तुओं एवं पेड़-पौधों में गति प्रदर्शित होती है। सभी जीव-जन्तु अपनी आवश्यकताओं के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए गति करते हैं। उदाहरण के लिए मनुष्य द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना, पशुओं का चलना, मछलियों का जल में तैरना, पक्षियों को उड़ना, साँप का रेंगना आदि प्रचलन गति के उदाहरण हैं।
पौधों में यद्यपि प्रचलन नहीं होता किन्तु ये गति के लक्षण प्रदर्शित करते हैं; जैसे-सूरजमुखी के पुष्प का सूर्य की ओर मुड़ना, कद्दू के प्रतानों द्वारा किसी सहारे से लिपटना आदि।
प्रश्न 2.
सजीव तथा निर्जीव में उदाहरण सहित अन्तर लिखिए।
उत्तर:
सजीव और निर्जीव में अन्तर
क्र.सं. | सजीव | निर्जीव |
1. | निश्चित जीवन काल होता है। | नहीं होता है। |
2. | भोजन ग्रहण करते हैं। | भोजन ग्रहण नहीं करते हैं। |
3. | श्वसन करते हैं। | श्वसन नहीं करते हैं। |
4. | जनन होता है। | जनन नहीं होता है। |
5. | वृद्धि होती है। | वृद्धि नहीं होती है। |
6. | उत्सर्जन होता है। | उत्सर्जन नहीं होता है। |
उदाहरण:
सजीव: गाय, चूहा, बकरी, मच्छर, मकड़ी, मनुष्य, आदि प्राणी तथा सरसों, आम, घास आदि पौधे ।
निर्जीव: ईंट, पत्थर, कुर्सी, काँच, कपड़ा, जूता, साइकिल, कार, आदि।
प्रश्न 3.
जन्तु एवं पादपों में उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सभी जन्तु एवं पादप उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया प्रदर्शित करते हैं। जन्तुओं में उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया को निम्न उदाहरणों द्वारा समझाया जा सकता है
- जब हमारे पैर में काँटा चुभता है (उद्दीपन) तो हम अपना पैर ऊपर खींच लेते हैं (अनुक्रिया)।
- जब हम स्वादिष्ट खाना देखते हैं (उद्दीपन) तो हमारे मुँह में पानी आ जाता है (अनुक्रिया)। पौधों में भी उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया देखने को मिलती है; जैसे-(i) छुई-मुई के पौधे को छूने (उद्दीपन) पर पत्तियों का मुरझाना (अनुक्रिया)।
- पौधों के तनों का प्रकाश (उद्दीपन) की ओर मुड़ना (अनुक्रिया)।
क्रियात्मक कार्य
प्रश्न 1.
किसी एक जन्तु की दैनिक जीवनचर्या का अवलोकन करें एवं उसे कॉपी में नोट करें।
अवलोकन:
गौरेया ने दीवार के एक मोखले में अपना घोंसला बनाया है। घोंसले में उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। चिड़िया सुबह-सुबह चीं-चीं करती उड़ जाती है और तरह-तरह के कीड़े-मकोड़े अपनी चोंच में भरकर घोंसले में बैठे बच्चों की चोंच में रखती है। चिड़िया कभी-कभी चोंच में पानी भी भरकर लाती है। कभी-कभी वह घोंसले की मरम्मत भी करती है और अपनी चोंच से घोंसले के अन्दर से गन्दगी भी हटाती है। कभी-कभी वह अनाज के दाने भी चुनती है और खाती है। रात को घोंसले के पास ही एक तार पर बैठकर सो जाती है।
प्रश्न 2.
सजीवों के लक्षण का चार्ट तैयार कर कक्षा कक्ष में लगाएँ।
क्रिया:
सजीवों में निम्नलिखित लक्षण पाए जाते हैं
- सजीव भोजन ग्रहण करते हैं।
- सजीव वृद्धि करते हैं।
- सजीव श्वसन करते हैं।
- सजीव स्वयं गति करते हैं।
- सजीव संवेदनशील होते हैं तथा उद्दीपनों के प्रति अनुक्रिया करते हैं।
- सजीवों में उत्सर्जन क्रिया होती है।
- सजीवों में प्रजनन क्रिया होती है।
- सजीवों का जीवनकाल निश्चित होता है।
पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
अपने आस-पास के परिवेश के बारे में सोचिए और बताइए कि हमारे आस-पास कौन-कौनसी वस्तुएँ एवं जीव-जन्तु पाए जाते हैं ? इन वस्तुओं एवं जीव-जन्तुओं की एक सूची तैयार कीजिए तथा इन्हें निम्नलिखित सारणी के अनुसार वर्गीकृत कीजिए (पृष्ठ 47)
उत्तर:
सारणी 6.1: वस्तुओं एवं जीव-जन्तुओं का क्रियाओं के आधार पर वर्गीकरण
प्रश्न 2.
सजीव एवं निर्जीव के बीच अन्तर स्पष्ट करने के लिए निम्नलिखित तालिका की पूर्ति कीजिए (पृष्ठ 48)
उत्तर:
सारणी 6.2: सजीव और निर्जीव में अन्तर
प्रश्न 3.
पादप भोजन कैसे करते हैं ? (पृष्ठ 49)
उत्तर:
पादप, प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन स्वयं बनाते हैं।
प्रश्न 4.
जन्तु क्या खाते हैं ? (पृष्ठ 49)
उत्तर:
जन्तु पादपों और उनके उत्पादों तथा जान्तव उत्पादों को खाते हैं।
प्रश्न 5.
क्या सभी सजीव साँस लेते हैं ? (पृष्ठ 49)
उत्तर:
हाँ, सभी सजीव साँस लेते हैं।
प्रश्न 6.
सजीवश्वसन मेंकौन सी गैसअन्दर लेते हैं तथाश्वसन पश्चात् कौन-सी गैस बाहर निकालते हैं ?(पृष्ठ 49)
उत्तर:
सजीव श्वसन के दौरान ऑक्सीजन गैस अन्दर लेते हैं तथा कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस बाहर निकालते हैं।
प्रश्न 7.
क्या पेड़-पौधों में भी श्वसन होता है ? (पृष्ठ 49)
उत्तर:
हाँ, पेड़-पौधों में भी श्वसन होता है।
प्रश्न 8.
क्या पेड़-पौधे भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जलकर जाते हैं ? (पृष्ठ 49)
उत्तर:
नहीं, पेड़-पौधे एक स्थान से दूसरे स्थान पर चलकर नहीं जाते हैं।
प्रश्न 9.
क्या पेड़-पौधों में भी गति होती है? (पृष्ठ 49)
उत्तर:
हाँ, पेड़-पौधों में भी गति होती है।
प्रश्न 10.
पेड़-पौधों में गति के कौन-कौन से लक्षण हैं? (पृष्ठ49)
उत्तर:
पेड़-पौधों में विभिन्न प्रकार के गति के लक्षण दिखाई दे हैं; जैसे—पुष्पों का खुलना, सूरजमुखी के पुष्प का सूर्य की ओर मुड़ना, छुई-मुई की पत्तियों को छूने पर सिकुड़ना आदि।
प्रश्न 11.
काँटा या सुई चुभने पर, आप पैर पीछे क्यों खींच लेते हैं? (पृष्ठ 50)
उत्तर:
हमारा शरीर संवेदना (काँटा चुभना) के प्रति अनुक्रिया। (cesponse) प्रदर्शित करता है, इसलिए हम पैर पीछे खींच लेते हैं।
प्रश्न 12.
स्वादिष्ट भोजन को देखकर मुँह में पानी क्यों आ जाता है? (पृष्ठ 50)
उत्तर:
आँखों से होकर भोजन को देखकर संवेदना उत्पन्न ती है और मुंह द्वारा अनुक्रिया के फलस्वरूप लार उत्पन्न हे जाती है।
प्रश्न 13.
क्या पादपों में भी उद्दीपनों के प्रति अनुक्रिया होती है ? (पृष्ठ 50)
उत्तर:
हाँ, पादपों में भी उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया होती है! जैसे छुई-मुई की पत्तियों को छूने पर उनका सिकुड़ना।
प्रश्न 14.
क्या पौधे भी अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकालते हैं ? (पृष्ठ 50)
उत्तर:
हाँ, पौधे भी अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकालते हैं।
प्रश्न 15.
क्या सभी सजीवों का जीवन काल होता है ? (पृष्ठ 51)
उत्तर:
हाँ, सभी सजीवों का अपना-अपना जीवनकाल होता है।
प्रश्न 16.
क्या सभी सजीव वृद्धि करते हैं? (पृष्ठ 51)
उत्तर:
हाँ, सभी सजीव वृद्धि करते हैं।
प्रश्न 17.
क्या सभी सजीव मरते हैं? (पृष्ठ 51)
उत्तर:
हाँ, सभी जीव अपना जीवन चक्र पूरा करने के पश्चात् मरते हैं।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
निम्न में से कौन-सा सजीव है ?
(अ) पेन
(ब) साइकिल
(स) मोबाइल फोन
(द) चूहा
उत्तर:
(द) चूहा
प्रश्न 2.
सजीव नहीं है
(अ) टमाटर का पौधा
(ब) बरगद वृक्ष
(स) बिजली का लट्ठा
(द) घास
उत्तर:
(स) बिजली का लट्ठा
प्रश्न 3.
सजीवों का अभिलाक्षणिक गुण है
(अ) प्रचलन
(ब) गति
(स) वृद्धि
(द) प्रजनन
उत्तर:
(स) वृद्धि
प्रश्न 4.
तेज रोशनी में आँखें झपकना उदाहरण है
(अ) आँखों की गति का
(ब) उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया का
(स) उत्सर्जन क्रिया का
(द) प्रचलन का
उत्तर:
(ब) उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया का
प्रश्न 5.
सजीव तथा निर्जीव के बीच की कड़ी है
(अ) पौधे
(ब) जन्तु
(स) विषाणु
(द) कवक
उत्तर:
(स) विषाणु
रिक्त स्थान
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- वे वस्तुएँ जिनमें श्वसन, गति, वृद्धि, पोषण आदि क्रियाएँ होती हैं,……..कहलाती हैं।
- जन्तु मुख्य रूप से भोजन के लिए………पर निर्भर रहते हैं।
- सजीव श्वसन के दौरान……..गैस ग्रहण करते हैं।
- जन्तु स्वयं……..करके एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते हैं।
उत्तर:
- सजीव
- पौधों
- ऑक्सीजन
- गति
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सजीवों के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
- बकरी
- घास
प्रश्न 2.
निर्जीव के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
- बस्ता
- पेन
प्रश्न 3.
सजीव को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
जीव-जन्तु एवं पेड़-पौधे वृद्धि, गति, श्वसन, पोषण, जनन, उत्सर्जन आदि लक्षण दर्शाते हैं, इन्हें सजीव कहते हैं।
प्रश्न 4.
प्रकाश संश्लेषण की क्रिया किन जीवों में होती है ?
उत्तर:
प्रकाश संश्लेषण की क्रिया, पेड़-पौधों में होती है।
प्रश्न 5.
श्वसन क्रिया में कौन-सी गैस बाहर निकलती है?
उत्तर:
श्वसन क्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड गैस बाहर निकलती है।
प्रश्न 6.
उत्सर्जन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
सजीवों द्वारा अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकाला जाना उत्सर्जन कहलाता है।
प्रश्न 7.
सजीव भोजन क्यों ग्रहण करते हैं ?
उत्तर:
सजीव अपने शरीर की वृद्धि एवं विकास के लिए भोजन ग्रहण करते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सजीवों के चार लक्षण लिखिए।
उत्तर:
सजीवों के लक्षण
- सजीव वृद्धि करते हैं।
- सजीव भोजन ग्रहण करते हैं।
- संजीवों में प्रचलन/गति होती है।
- सजीव श्वसन करते हैं।
प्रश्न 2.
वृद्धि किसे कहते हैं ? पादप एवं जन्तुओं में वृद्धि कैसे होती है ?
उत्तर:
शरीर के भार एवं आकृति में धनात्मक परिवर्तन को वृद्धि कहते हैं। पौधों में वृद्धि जीवनभर होती रहती है किन्तु जन्तुओं में वृद्धि एक अवधि के पश्चात् रुक जाती है।
प्रश्न 3.
कुछ निर्जीव वस्तुएँ भी चलती हैं किन्तु इनको सजीव नहीं माना जाता है, क्यों ?
उत्तर:
कुछ निर्जीव वस्तुएँ; जैसे-बस, कार, साइकिल आदि भी चलती हैं, इनमें गति जैसा लक्षण दिखाई देता है किन्तु इन्हें सजीव नहीं माना जाता है, क्योंकि ये स्वयं गति नहीं करती हैं। इनमें गति बाहरी कारकों द्वारा होती है तथा इनमें सजीवों के अन्य लक्षण नहीं हैं।
प्रश्न 4.
विषाणु क्या है ? चित्र बनाकर समझाइए।
उत्तर:
विषाणु सजीव एवं निर्जीव के बीच की योजक कड़ी है। ये स्वतन्त्र अवस्था में निर्जीव पड़े रहते हैं। ये सजीवों में प्रवेश करते ही सजीवों के समान वृद्धि (गुणन) आदि लक्षण प्रकट करने लगते हैं। ये पादपों एवं जन्तुओं में अनेक प्रकार के रोगों के कारक हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सजीवों में उत्सर्जन क्रिया को समझाइए।
उत्तर:
उत्सर्जन (Excretion): सजीवों द्वारा अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकाला जाना उत्सर्जन कहलाता है। जन्तुओं के शरीर में भोजन के पाचन के पश्चात् कुछ भाग अपचित रह जाता है तथा शरीर भी कुछ अपशिष्ट पदार्थ बनाता है। ये अपशिष्ट पदार्थ मल-मूत्र के रूप में बाहर निकाल दिए जाते हैं।
पौधों में भी हानिकारक अपशिष्ट पदार्थ उत्पन्न होते हैं जो पत्ती एवं छाल में एकत्रित होते हैं और पत्तियाँ पकने पर ये पत्तियों के गिरने के साथ पृथक् हो जाते हैं या छाल के रूप में बाहर कर दिए जाते हैं। गोंद भी पौधों का एक उत्सर्जी पदार्थ
प्रश्न 2.
सजीवों में जनन क्यों आवश्यक है ? समझाइए।
उत्तर:
सजीवों में जनने इनके अस्तित्व के लिए आवश्यक है। जन्तु एवं पादप अपने जैसी सन्ताने जनन क्रिया द्वारा उत्पन्न करते हैं। कुछ जन्तु शिशुओं को जन्म देते हैं; जैसे-गाय, बकरी जबकि कुछ जन्तु अण्डे देते हैं; जैसेमुर्गी, मगरमच्छ अण्डों से शिशु निकलते हैं।
पौधों में जनन पौधों की कायिक नलिकाओं द्वारा या बीजों द्वारा होता है। जब बीज मिट्टी में गिर जाते हैं तो नमी की उपस्थिति में इनमें अंकुरण होकर छोटे-छोटे पौधे निर्मित होते हैं।
प्रश्न 3.
जगदीश चन्द्र बोस की जीवनी, इनके कार्यों के सन्दर्भ में लिखिए।
उत्तर:
जगदीश चन्द्र बोस 30 नवम्बर, 1858 को जन्मे आचार्य जगदीश चन्द्र बोस का बचपन गाँव ररौली में बीता जो वर्तमान में बांग्लादेश में है। आचार्य बोस ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक और कैम्ब्रिज के केमिल्टन कॉलेज से एम.ए. किया। उन्होंने सन् 1896 में लन्दन विश्वविद्यालय से विज्ञान विषय में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। वे सन् 1920 में रॉयल सोसायटी के फैलो चुने गए। आचार्य जगदीश चन्द्र बोस ने भौतिकी और जीव विज्ञान के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण शोध कार्य किए। आचार्य बोस ने पौधों की धीमी वृद्धि को नापने के लिए एक अत्यन्त संवेदी यंत्र बनाया जिसे केस्कोग्राफ (crescograph) कहा गया।
उन्होंने पौधों की संवेदनशीलता को प्रयोग द्वारा सिद्ध किया। उन्नीसर्वी सदी के अन्तिम दिनों में जे. सी. बोस के कार्यों ने पूरी दुनिया में | भारत का नाम रोशन किया। जनवरी, 1898 में यह सिद्ध हुआ कि मार्कोनी का वायरलेस रिसीवर, जगदीश चन्द्र बोस द्वारा आविष्कृत था। आचार्य बोस ने एक ऐसे यंत्र का निर्माण किया जो सूक्ष्म तरंगें पैदा कर सकता था जो 25 मिलीमीटर से 5 मिलीमीटर तक की थी।