Rajasthan Board RBSE Class 6 Sanskrit व्याकरण धातु-रूपम् (क्रिया के रूप)

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Rajasthan Board RBSE Class 6 Sanskrit व्याकरण धातु-रूपम् (क्रिया के रूप)

Rajasthan Board RBSE Class 6 Sanskrit व्याकरण धातु-रूपम् (क्रिया के रूप)

संस्कृत में क्रिया को ही धातु कहते हैं। जिस शब्द से किसी क्रिया का करना या होना पाया जाता है, उसे क्रिया कहते हैं, जैसे-
गच्छति (जाता है।) पठति (पढ़ता है।) धावति (दौड़ता है।) धातुओं को दस वर्गों में बाँटा गया है, जैसे

  1. भ्वादि
  2. अदादि
  3. जुहोत्यादि
  4. दिवादि
  5. स्वादि
  6. तुदादि
  7. रुधादि
  8. तनादि
  9. क्रमादि
  10. चुरादि।

धातुओं के साथ काल और अवस्था को सूचित करने वाले प्रत्यय लगाए जाते हैं। काल और अवस्था को संस्कृत भाषा में लकार कहते हैं। यद्यपि दस लकार होते हैं, किन्तु कक्षा 6 से 10 तक के पाठ्यक्रम में निम्नलिखित पाँच लकार ही निर्धारित किए गए हैं

  1. लट् – वर्तमान काल के लिए।
  2. लङ् – भूतकाल के लिए।
  3. लृट् – भविष्यत् काल के लिए।
  4. लोट् – आज्ञा देने, माँगने, आशीर्वाद देने के लिए।
  5. विधिलिङ् – सम्भावना, आज्ञा अथवा ‘चाहिए’ के अर्थ में।

धातुएँ दो प्रकार की होती हैं –

  1. परस्मैपदी तथा
  2. आत्मनेपदी-यह भेद अर्थ की दृष्टि से किया गया है। संस्कृत भाषा में तीन पुरुष व तीन वचन माने गए हैं

पुरुष

  1. प्रथम पुरुष
  2. मध्यम पुरुष
  3. उत्तम पुरुष

वचन

  1. एकवचन
  2. द्विवचन
  3. बहुवचन

परस्मैपदी में विभिन्न लकारों में निम्न प्रत्यय जोड़े जाते हैं।
(1) लट् लकार (वर्तमान काल)
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(2) लृट् लकार (भविष्यत् काल)
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(3) लङ् लकार (भूतकाल)
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(4) लोट् लकार (आज्ञार्थक)
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(5) विधिलिङ् लकार (प्रेरणार्थक-‘चाहिए’ के अर्थ में)
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कुछ परस्मैपदी धातुओं के रूप।
भू (भव) होना
लट् लकार (वर्तमान काल)
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लङ् लकार (भूतकाल)
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लुट् लकार (भविष्यत् काल)
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लोट् लकार (आज्ञार्थक)
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विधिलिङ् लकार (प्रेरणार्थक ‘चाहिए’ के अर्थ में)
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गम् (गच्छ) (जाना) धातु
लट् लकार (वर्तमान काल)
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लङ् लकार (भूतकाल)
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लृट् लकार (भविष्यत् काल)
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लोट् लकार (आज्ञार्थक)
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विधिलिङ् लकार (प्रेरणार्थक ‘चाहिए’ के अर्थ में)
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पा (पिब्) (पीना) धातु लट् लकार (वर्तमान काल)
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लङ् लकार (भूतकाल)
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लकार (भविष्यत् काल)
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लोट् लकार (आज्ञार्थक)
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विधिलिङ् लकार (प्रेरणार्थक ‘चाहिए’ के अर्थ में)
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दृश् (पश्य) (देखना) धातु लट् लकार (वर्तमान काल)
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लङ् लकार (भूतकाल)
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लृट् लकार (भविष्यत् काल)
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लोट् लकार (आज्ञार्थक)
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विधिलिङ् लकार (प्रेरणार्थक ‘चाहिए’ के अर्थ में)
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नी (नय्ये (ले जाना) लट् लकार (वर्तमान काल)
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लङ् लकार (भूतकाल)
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तृट् लकार (भविष्यत् काल)
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लोट् लकार (आज्ञार्थक)
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विधिलिङ् लकार (प्रेरणार्थक, ‘चाहिए’ के अर्थ में)
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पच् (पकाना) धातु लट् लकार (वर्तमान काल)
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लङ् लकार (भूतकाल)
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लृट् लकार (भविष्यत् काल)
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लोट् लकार (आज्ञार्थक)
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विधिलिङ् लकार (प्रेरणार्थक, ‘चाएि’ के अर्थ में)
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प्रच्छ् (पृच्छ्ये (पूछना) धातु लट् लकार (वर्तमान काल)
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लङ् लकार (भूतकाल)
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लृट् लकार (भविष्यत् काल)
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लोट् लकार (आज्ञार्थक)
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विधिलिङ् लकार (प्रेरणार्थक, ‘चाहिए’ के अर्थ में)
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वृत् (वर्नु होना) धातु लट् लकार (वर्तमान काल)
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लङ् लकार (भूतकाल)
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लुट् लकार (भविष्यतुकाल)
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लोट् लकार (आज्ञार्थक)
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विधिलिङ् लकार (प्रेरणार्थक)
RBSE Class 6 Sanskrit व्याकरण धातु-रूपम् (क्रिया के रूप) 46
लभ् (पाना) धातु लट् लकार (वर्तमान काल)
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लङ् लकार (भूतकाल)
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लट् लकार (भविष्यत् काल)
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लोट् लकार (आज्ञार्थक)
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विधिलिङ् लकार (‘चाहिए’ के अर्थ में)
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अभ्यास-1

निम्नलिखित रिक्तस्थानानि समुचित धातुरूपेण पूरयत (निम्नलिखित रिक्तस्थानों को उचित धातु रूप के द्वारा पूर्ण कीजिए)
प्रश्न 1.
लट् लकार
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उत्तर:
(1) वसतः (2) वससि (3) वसाव:
(1) वत्स्यन्ति (2) वत्स्यसि (3) वत्स्याव:
(1) अवसत् (2) अवसत (3) अवसाव
(1) वसतु (2) वस (3) वसाम
(1) वसताम् (2) वसेत (3) वसेयम्

प्रश्न 2.
हस् = हँसना लट् लकार
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उत्तर:
(1) हसन्ति (2) हसथः (3) सामः
(1) हसिष्यति (2) सिष्यथ (3) हसिष्याव:
(1) अहसताम् (2) अहसत (3) अहसम्
(1) हसतु (2) हसतम् (3) हसानि
(1) हसेताम् (2) सेः (3) हसेम

प्रश्न 3.
रक्षु = रक्षा करना लट् लकार
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उत्तर:
(1) रक्षत: (2) रक्षास (3) रक्षाम:
(1) रक्षिष्यतः (2) रक्षिष्यसि (3) रक्षिष्यामः
(1) अरक्षन् (2) अरक्षतम् (3) अक्षम्
(1) रक्षन्तु (2) रक्ष (3) रक्षाम
(1) रक्षेताम् (2) रक्षेः (3) रक्षेम

अभ्यास-2

प्रश्न 1.
‘लिङ्’ धातोः लट्लकार उत्तम-पुरुष बहुवचनम् रूपमस्ति ?
(अ) लिखामः
(ब) लिखथ
(स) लिखन्ति
(द) लिखति।
उत्तर:
(अ) लिखामः

प्रश्न 2.
‘लिङ्’ धातोः लुटलकार प्रथम-पुरुष एकवचनं रूपमस्ति ?
(अ) लिखति
(ब) लेखिष्यति
(स) लेखिष्यर्थ
(द) लेखिष्यामः।
उत्तर:
(ब) लेखिष्यति

प्रश्न 3,
‘आगम्’ धातोः लट्लकार प्रथम-पुरुष बहुवचनं रूपमस्ति ?
(अ) आगच्छति
(ब) आगच्छतः
(स) आगच्छन्ति
(द) आगच्छथ।
उत्तर:
(स) आगच्छन्ति

प्रश्न 4.
‘आगम्’ धातोः लुट्लकार मध्यम-पुरुष द्विवचनं रूपमस्ति ?
(अ) आगमिष्यति।
(ब) आगमिष्यत:
(स) आगमिष्यन्ति
(द) आगमिष्यथः।
उत्तर:
(द) आगमिष्यथः।

प्रश्न 5.
‘खाद्’ धातोः लट्लकार प्रथम-पुरुष एकवचनं रूपमस्ति ?
(अ) खादति
(ब) खादतः
(स) खादन्ति
(द) खादथे।
उत्तर:
(अ) खादति

प्रश्न 6.
‘खाद्’ धातोः लुट्लकार उत्तम-पुरुष एकवचनं रूपमस्ति ?
(अ) खादिष्यति।
(ब) खादिष्यामि।
(स) खादिष्यतः
(द) खादिष्यन्ति।
उत्तर:
(ब) खादिष्यामि।

प्रश्न 7.
‘खेल्’ धातोः लट्लकार मध्यम-पुरुष बहुवचनं रूपमस्ति?
(अ) खेलति
(ब) खेलसि
(स) खेलथ
(द) खेलामः
उत्तर:
(स) खेलथ

प्रश्न 8.
‘खेल्’ धातोः लुट्लकार मध्यम-पुरुष एकवचनं रूपमस्ति?
(अ) खेलामि
(ब) खेलाव:
(स) खेलथ
(द) खेलिष्यसि।
उत्तर:
(द) खेलिष्यसि।

प्रश्न 9.
‘चल्’ धातोः लट्लकार प्रथम-पुरुष द्विवचनं रूपमस्ति?
(अ) चलत:
(ब) चलन्ति
(स) चलामि
(द) चलति
उत्तर:
(अ) चलत:

प्रश्न 10.
‘चल्’ धातोः लुट्लकार उत्तम-पुरुष द्विवचनं रूपमस्ति?
(अ) चलावः
(ब) चलिष्याव:
(स) चलिष्यामः
(द) चलिष्यन्ति
उत्तर:
(ब) चलिष्याव:

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