Rajasthan Board RBSE Class 6 Hindi व्याकरण उपसर्ग

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Rajasthan Board RBSE Class 6 Hindi व्याकरण उपसर्ग

Rajasthan Board RBSE Class 6 Hindi व्याकरण उपसर्ग

उपसर्ग वे शब्दांश हैं, जो किसी शब्द के पूर्व (पहले) जुड़कर उसके अर्थ में कुछ परिवर्तन कर देते हैं अथवा उसके अर्थ को पूरी तरह बदल देते हैं। जैसे–जय शब्द का अर्थ है – जीत, किंतु ‘जय’ शब्द से पहले ‘परा’ उपसर्ग जोड़ देने से नया शब्द बनता है पराजय, जिसका अर्थ पहले के अर्थ से ठीक उलटा हो गया – हार। कुछ प्रमुख उपसर्गों के अर्थ एवं उनसे बने शब्द इस प्रकार हैं

संस्कृत तथा हिंदी के उपसर्ग

अति (अधिक, ऊपर)–अत्यंत, अत्यधिक, अत्याचार, अतिक्रमण।
(नहीं)–अबोध, अथाह, अलग, असंभव, अमिट।
अन (नहीं)–अनपढ़, अनमोल, अनजान, अनावश्यक, अनहोनी।
अधि (ऊपर, श्रेष्ठ, सामीप्य)–अधिकार, अधिपति, अधिकरण, अध्यक्ष।
अनु (पीछे, क्रम, समानता)–अनुज, अनुशासन, अनुवाद, अनुपात, अनुकूल।
अप (बुरा, लघुता, हीनता, अभाव, विरुद्ध)–अपमान, अपहरण, अपशब्द, अपराध, अपव्यय।
अव (नीचे, हीनता, अनादर, पतन)–अवगुण, अवस्था, अवनति, अवशेष, अवतार।
(तक, सीमा, ओर, कमी, विपरीत)–आजन्म, आगमन, आकाश, आजीवन, आक्रम।
उत्-उद् (ऊपर, श्रेष्ठ)–उत्तम, उत्पत्ति, उद्धार, उत्साह।
उप (छोटा, निकटता, सदृश)–उपवन, उपकार, उपदेश, उपस्थिति, उपनाम।
कु, क (बुराई, हीनता)–कुकर्म, कुपात्र, कुमार्ग, कपूत, कुसंग।
दु (बुरा, हीन)–दुबला, दुकाल।
दुर-दुस् (बुरा, कठिन, दुष्ट, हीन)–दुर्बल, दुर्जन, दुराचार, दुस्साहस, दुष्कर्म।
निर् (बाहर, निषेध, रहित)–निर्गुण, निर्लज्ज, निरपराध, निर्मल, निर्जन।
परा (उलटा, अनादर, नाश)–पराजय, पराक्रम, पराभव, परामर्श, पराभूत।
परि (पूर्ण, चारों ओर, अतिशय, त्याग)–परिक्रमा, परिणाम, परिवर्तन, परिचय, पर्याप्त।
प्र (अधिक, आगे, ऊपर, यश)–प्रख्यात, प्रचार, प्रयोग, प्रगति, प्रसन्न, प्रसिद्ध।
प्रति (हर, विरोध, बराबरी)–प्रत्येक, प्रतिनिधि, प्रतिवादी, प्रत्यक्ष, प्रतिकूल।
वि (हीनता, भिन्नता, असमानता, विशेषता)–विनय, विज्ञान, विदेश, विवाद, विशेष।
सम् (पूर्णता)–संकल्प, संन्यास, संयोग, संहार, संग्राम।
सु (सुखी, अच्छा, सुंदर, सहज)–सुकर्म, सुगंध, सुलभ, स्वागत, सुगम।
अध (आधा)–अधपका, अधभुना, अधबना, अधखिला, अधमरा।
उन (एक कम्)–उन्नीस, उनतीस, उनचास, उनसठ, उनहत्तर।।
(हीनता, निषेध)–औगुना, औघट, औसर।
बिन (निषेध)–बिनब्याहा, बिनखाया, बिनपढ़ा, बिनबोया।
भर (पूरा)–भरपेट, भरसक, भरपूर, भरदिन।

अरबी-फारसी के उपसर्ग

अल (निश्चित, इसलिए)–अलबत्ता, अलगरज।
कम (हीन, थोड़ा)–कमउम्र, कमख्याल, कमसिन।
ला (बिना, रहित)–लापरवाह, लाचार, लाजवाब, लाइलाज, लावारिस, लापता।
गैर (नहीं)–गैरहाजिर, गैरकानूनी, गैरसरकारी, गैरवाजिब, गैरमतलब।
खुश (अच्छा)–खुशबू, खुशहाल, खुशकिस्मत, खुशखबरी।
ना (नहीं, अभाव)–नापसंद, नाराज, नामुमकिन, नादान, नालायक, नामुराद।
बद (बुरा)–बदनाम, बदमाश, बदहाल, बदकिस्मत, बदबू, बदहजमी, बददिमाग।
बे (बिना)–बेईमान, बेवकूफ, बेरहम, बेदर्द, बेइज्जत, बेइंतहा, बेकार, बेमिसाल।
हम (समान, बराबर)–हमराह, हमउम्र, हमपेशा, हमदर्द, हमवतन।
बाँ (साथ, सहित)–बाअसर, बागात, बाकियात, बातुल, बाबत, बावजूद, बाइज्जते।
(ओर, में, अनुसार)–बनाम, बदस्तूर, बदौलत, बइजलास, बतौर, बतारीख, बखिदमत।
बिला (बिना)–बिलावजह, बिलातवक्कुफ, बिलाकसूर, बिलाशक।

परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
उपसर्ग की परिभाषा लिखिए।
उत्तर :
‘उपसर्ग’ वे शब्दांश हैं, जो किसी शब्द के पूर्व (पहले) जुड़कर उसके अर्थ में कुछ परिवर्तन कर देते हैं अथवा उसके अर्थ को पूरी तरह बदल देते हैं।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द ‘परा’ उपसर्ग से नहीं बना है
(क) पराक्रम
(ख) पराजय
(ग) परामर्श
(घ) परास्त
उत्तर:
(घ) परास्त

प्रश्न 3.
किस शब्द में ‘आ’ उपसर्ग का प्रयोग नहीं हुआ है
(क) आगमन
(ख) आमरण
(ग) आकर्षण
(घ) अवस्था
उत्तर:
(घ) अवस्था

प्रश्न 4.
‘उप’ उपसर्ग लगाकर शब्द बनेगा
(क) उपदेश
(ख) अपना
(ग) उप्पल
(घ) अपमान
उत्तर:
(क) उपदेश

प्रश्न 5.
‘पराजय’ शब्द में उपसर्ग है
(क) परा
(ख) प्र
(ग) परि
(घ) निर्
उत्तर
(क) पेरा

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