Category: Class 9 Sanskrit

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Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit व्याकरण रूप-प्रकरणम्

Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit व्याकरण रूप-प्रकरणम् 1.संज्ञा शब्द शब्दरूप प्रकरण को तीन भागों में बाँटा गया है- पुल्लिंग शब्दरूप (संज्ञा) स्त्रीलिंग शब्दरूप (संज्ञा) नपुंसकलिंग शब्द रूप (संज्ञा)। रूपों की आवश्यकता हिन्दी वाक्यों से संस्कृत वाक्यों के बनाने में होती है। अतः आप इन सभी दिये हुए संज्ञा-शब्द रूपों को समझकर कण्ठाग्र करें एवं…
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Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit व्याकरण प्रत्यय-प्रकरणम्

Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit व्याकरण प्रत्यय-प्रकरणम् प्रत्यय से तात्पर्य-जो शब्द किसी संज्ञा शब्द, सर्वनाम शब्द, विशेषण शब्द अथवा धातु (क्रिया) शब्द के बाद (पीछे) जुड़कर किसी विशेष अर्थ को व्यक्त करते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं। प्रत्यय तीन प्रकार के होते हैं- कृत् प्रत्यय तद्धित प्रत्यय स्त्री प्रत्यय। (1) कृत् प्रत्यय-मूल क्रिया (धातु)…
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Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit व्याकरण उपसर्ग-प्रकरणम्

Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit व्याकरण उपसर्ग-प्रकरणम् उपसर्ग की परिभाषा-शब्द या धातु (क्रिया) के पूर्व जो पद जोड़े या लगाये जाते हैं वे उपसर्ग कहे जाते हैं। उपसर्ग का प्रयोग करने से धातु के अर्थ में विशेषता आ जाती है। कहीं धातु का अर्थ परिवर्तित होकर एक नया अर्थ प्रकट करता है तो कहीं…
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Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit व्याकरण कारक-प्रकरणम्

Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit व्याकरण कारक-प्रकरणम् परिभाषा-‘क्रियाजनकत्वं कारकम्’ क्रिया को जो करता है। अथवा क्रिया के साथ जिसका सीधा अथवा परम्परा से सम्बन्ध होता है, वह ‘कारक’ कहा जाता है। क्रिया के साथ कारकों को साक्षात् अथवा परम्परा से सम्बन्ध कैसे होता है? यह समझने के लिए यहाँ एक वाक्य प्रस्तुत किया जा…
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Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit व्याकरण समास-प्रकरणम्

Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit व्याकरण समास-प्रकरणम् समास-संयुक्त करने को समास कहते हैं अथवा अनेक पदों का मिलकर एक पद होना समास है। अर्थात् जब अनेक पदों को मिलकर एक पद बना दिया जाता है तब वह समास कहा जाता है। जैसे—पूर्वोत्तरविभक्तिलोपः— सीतायाः पतिः = सीतापतिः। इस विग्रह में ‘सीतायाः’ पद में षष्ठी विभक्ति…
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Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit व्याकरण सन्धि-प्रकरणम्

Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit व्याकरण सन्धि-प्रकरणम् सन्धि का अर्थ-सामान्यतः ‘सन्धि’ शब्द का अर्थ मेल, समझौता या जोड़ है , किन्तु सन्धि प्रकरण में इसका अर्थ थोड़ा भिन्न होते हुए यह है कि जब एक से अधिक स्वर अथवा व्यञ्जन वर्ण अत्यधिक निकट होने के कारण, मिलकर एक रूप धारण करते हैं, तो वह…
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Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit व्याकरण उच्चारणस्थानानि

Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit व्याकरण उच्चारणस्थानानि सभी वर्गों का उच्चारण मुख से होता है, जिसमें-कण्ठ, जिह्वा, तालु, मूर्धा, दन्त, ओष्ठ एवं नासिका का योगदान होता है। इन उच्चारण-स्थानों से पूर्व ‘वर्ण’ के विषय में आवश्यक ज्ञान अपेक्षित है। वर्ण- वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं, जिसके टुकड़े न हो सकें। जैसे- क्,…
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Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit रचना अनुवाद प्रकरणम्

Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit रचना अनुवाद प्रकरणम् अनुवाद का अर्थ-एक भाषा को दूसरी भाषा में परिवर्तित करने का नाम अनुवाद है। संस्कृत वाक्यों में कर्ता, क्रिया, कर्म आदि का स्थानक्रम स्थिर नहीं है। लेखक या बोलने वाला अपनी इच्छानुसार इन्हें किसी भी स्थान पर रख सकता है। यही संस्कृत भाषा की विशेषता है।…
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Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit रचना चित्रवर्णनम्

Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit रचना चित्रवर्णनम् प्रश्नः अधः प्रदत्तम् चित्रम् आधृत्य शब्द-सूच्याः/मजूषायाः सहायतया पञ्चवाक्यानि उत्तरपुस्तिकायां लिखतमञ्जूषा 1. अयम्, विद्यालयः, सुन्दरः, समीपे, वृक्षाः, कक्षाः, गच्छामि, मित्रेण सह, प्रतिदिनं उत्तर: अयं मम विद्यालयः अस्ति। मम विद्यालय: सुन्दरः अस्ति। विद्यालय: मम गृहस्य समीपे अस्ति। विद्यालयं परितः बहवः वृक्षाः सन्ति। विद्यालये पञ्चविंशतिः (25) कक्षाः सन्ति, अहं प्रतिदिनं…
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Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit रचना संकेताधारितलघुकथा लेखनम्

Rajasthan Board RBSE Class 9 Sanskrit रचना संकेताधारितलघुकथा लेखनम् प्रश्नः–अधोलिखित कथां मजूषायाः सहायतया पूरयित्वा उत्तरपुस्तिकाया लिखत 1. मञ्जूषा देवालयः, प्रवाहेण, धृत्वा, त्राहि माम्, प्राप्तवान्, नगरवासिनः, प्रविश्य, स्वगृहं, आकृष्य, चीत्कारं, नगरजनाः, कोऽपि। एकदा राजा विक्रमादित्यः यौगिवेश ……………….. (1) ……………….. राज्यपर्यटन कर्तुम् अगच्छत्। परिभ्रमन् स: एक नगरं ……………….. (ii) ……………….. तत्र नदीतटे एक; ……………….. (iii) ……………….. “आसीत्।…
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