Rajasthan Board RBSE Class 8 Sanskrit व्याकरण विशेषण-विशेष्यशब्दा

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Rajasthan Board RBSE Class 8 Sanskrit व्याकरण विशेषण-विशेष्यशब्दा

Rajasthan Board RBSE Class 8 Sanskrit व्याकरण विशेषण-विशेष्यशब्दा

जिस शब्द से संज्ञा पद की विशेषता प्रकट होती है, वह शब्द विशेषण कहलाता है। जिस शब्द की विशेषता प्रकट होती है, वह विशेष्य होता है। विशेषण विशेष्य के अनुसार ही गुणों वाला होता है। अर्थात् विशेष्य का जो लिंग, वचन और विभक्ति होती है, विशेषण का भी वही लिंग, वचन और विभक्ति होती है। कहा भी है

यल्लिङ्गं यद्वचनं या च विभक्तिः विशेष्यस्य।
तल्लिङ्गं तद्वचनं सा च विभक्तिः विशेषणस्य।।

यथा-
RBSE Class 8 Sanskrit व्याकरण विशेषण-विशेष्यशब्दा 1

विशेषण के भेद-विशेषण मुख्यतः छः प्रकार के होते हैं-

  1. गुणवाचक विशेषण- किसी वस्तु के गुण तथा तुलनावाचक शब्द गुणवाचक विशेषण होते हैं। जैसे-सुन्दरः बालकः। रम्यतरः, कृष्णः आदि।
  2. संख्यावाचक विशेषण- यथा-एकः छात्रः। पञ्च बालिका: आदि।
  3. परिमाणवाचक विशेषण- यथा-अल्पं जलम् क्रोशमितम् आदि।
  4. संकेतवाचक विशेषण- जो विशेषण संज्ञा की ओर संकेत करते हैं, वे संकेतवाचक विशेषण होते हैं। जैसे-सः बालकः, सा बालिका आदि।
  5. व्यक्तिवाचक विशेषण- यथा- भारतीयः पुरुषः।
  6. विभागवाचक विशेषण- यथा-प्रत्येकं जनम्।

अभ्यासार्थ प्रश्नोत्तर
प्रश्नः- अधोलिखितवाक्येषु रेखांकितपदयोः विशेषणविशेष्यपदं पृथक्कुरुत
1. बृहत्तमं पुस्तकालयं रामदेवरास्थानं च प्रतिवर्ष पश्यन्ति।
2. उत्कृष्टानि मन्दिराणि दर्शनीयानि सन्ति।
3. वैदेशिका: पर्यटकाः अपि अत्र आगच्छन्ति।
4. जनपदे अस्मिन् तनोटमातु: मन्दिरं वर्तते।
5. अस्मिन् समये अधिका उष्णता न भवति।
6. सा तु निर्भीका कन्या अस्ति।
7. राकेशः सर्वथा योग्यः वरः अस्ति।
उत्तर:
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