Rajasthan Board RBSE Class 7 Hindi Chapter 11 ये भी धरती के बेटे हैं (एकांकी)

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Rajasthan Board RBSE Class 7 Hindi Chapter 11 ये भी धरती के बेटे हैं (एकांकी)

Rajasthan Board RBSE Class 7 Hindi Chapter 11 ये भी धरती के बेटे हैं (एकांकी)

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

पाठ से
सोचें और बताएँ
किसने-किससे कहा

प्रश्न 1.
मेरी माँ है, पिता नहीं है।

प्रश्न 2.
पर ये तो सब बुरे काम हैं।

प्रश्न 3.
हमें पता है, हम भी धरती के बेटे हैं।

प्रश्न 4.
हमें गंदगी से निकाल लो।

प्रश्न 5.
अच्छा तुम सब मेरे साथ चलोगे? जो भी काम तुम्हें मैं दूंगा सब कर लोगे?

उत्तर:
1. तस्कर ने पुत्र से कहा।
2. पुत्र ने तस्कर, भिखारी और जेबकतरे से कहा।
3. भिखारी ने पिता से कहा।
4. भिखारी, जेबकतरे और तस्कर ने पिता-पुत्र से कहा।
5. पिता ने भिखारी, जेबकतरे और तस्कर से कहा।

लिखें।
बहुविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
तस्करी करने वाला बालक बेच रहा था
(अ) अफीम
(ब) गाँजा
(स) घड़ी
(द) पेन।

प्रश्न 2.
भिखारी बालक ने अपने माता-पिता के बारे में
बताया
(अ) उसके माता-पिता नहीं थे।
(ब) उसके माता-पिता अंधे थे।
(स) उसके माता-पिता विकलांग थे।
(द) उसके माता-पिता लापता थे।

उत्तर:
1. (स)
2. (ब)

उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

प्रश्न 1.
भीख माँगता हूँ मैं……………। (घर-घर/दर-दर)

प्रश्न 2.
गंगा-जमुना की धारा से बिछुड़ गंदगी में…………..हैं। (बैठे/लेटे)

प्रश्न 3.
हम…………….. के हाथों में पड़े हुए हैं। (मजबूरी/गरीबी)

प्रश्न 4.
सबको……………. पड़ी है। (अपनी/मेरी)

उत्तर:
1. दर-दर
2. लेटे
3. मजबूरी
4. अपनी

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पिता ने जब बच्चों से उनके काम के बारे में पूछा तब तस्कर बच्चे ने क्या कहा?
उत्तर:
तस्कर बच्चे ने कहा कि मैं इधर का माल उधर और उधर का माल इधर करता हूँ।

प्रश्न 2.
“हमें गंदगी से निकाल लो।’ यहाँ गंदगी से क्या आशय है?
उत्तर:
यहाँ गंदगी से आशय बच्चों द्वारा किये जाने वाले बुरे कार्यों से है।

प्रश्न 3.
तस्कर बच्चे ने अनपढ़ लोगों का जीवन किसके समान बताया?
उत्तर:
तस्कर बच्चे ने अनपढ़ लोगों का जीवन पशुओं के समान बताया है।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पिता ने जीने का क्या तरीका बताया?
उत्तर:
पिता ने उन बच्चों को बताया कि ये सब काम जैसे, भीख माँगना, तस्करी करना और जेब काटना आदि से कुछ लाभ नहीं होता। ये सब काम करके तुम लोगों को शर्म आनी चाहिए। तुम लोग हमारे देश के भविष्य हो। तुम लोग जनता की नजरों में गिर चुके हो। क्या तुम्हें अच्छा इंसान बनने की इच्छा नहीं है? तब उन बच्चों ने कहा कि हम अच्छा इंसान बनना चाहते हैं। तब पिता ने उनसे कहा कि अगर तुम लोग ऐसा सोचते हो, तो तुम लोगों को बुरे काम नहीं करने चाहिए। लोगों को कुछ अच्छा काम करना चाहिए। और अपना जीवन सुधारना चाहिए। मैं तुम सबको अपने साथ ले चलूंगा। लेकिन तुम लोग वह सब करोगे, जैसा मैं तुम लोगों को करने को कहूँगा। इस तरह पिता बच्चों को जीवन सुधारने के लिए अपने साथ ले जाते हैं।

प्रश्न 2.
पढ़ने-लिखने के क्या लाभ बताए गए हैं?
उत्तर:
पुत्र द्वारा उन तीनों बच्चों से यह पूछने पर कि क्या वे पढ़ना नहीं चाहते हैं। तो तस्कर ने कहा, हाँ हम सब पढ़ना चाहते हैं। पशुओं और मनुष्यों में शिक्षा का ही अंतर होता है। मनुष्य शिक्षित होते हैं और पशु नहीं। जेबकतरे ने भी कहा, हम भी पढ़-लिखकर आगे बढ़ना चाहते हैं और भिखारी बोला कि पढ़कर-लिखकर हम भी तरक्की की ऊँची चोटी पर चढ़ना चाहते हैं। पढ़ने-लिखने से इंसान का जीवन सुधर जाता है और वह सफलता के पथ पर आगे बढ़ता चला जाता है। पढ़-लिखकर अच्छे कामों में लगकर सब बच्चे भारत माँ के सच्चे बच्चे कहलाते हैं।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
पाठ में ‘बदकिस्मत’ और ‘अनपढ़’ शब्द आए हैं। बदकिस्मत बद’ और ‘किस्मत’ से बना है। अनपढ़ शब्द ‘अन’ और ‘पढ़’ से बना है। यहाँ ‘बद’ और ‘अन’ शब्द के पहले जुड़े हैं। शब्द से पहले जुड़कर नए शब्द बनाने वाले शब्दांश उपसर्ग कहलाते हैं। अब आप भी ‘बद’ और ‘अन’ उपसर्गों से बनने वाले शब्दों की सूची बनाइए। अब इन शब्दों में उपसर्ग और मूल शब्द अलग-अलग करके लिखिए।
उत्तर:

(अन)शब्दउपसर्गमूल शब्द
1अनभिज्ञअनभिज्ञ
2अनहोनीअनहोनी
3अनजानअनजान
4अनदेखाअनदेखी
5अनगिनतअनगिनत

 

बदशब्दउपसर्गमूल शब्द
1बदनामबदनाम
2बदमाशबदमाश
3बदसूरतबदसूरत
4बदबूबदबू
5बदतमीजबदतमीज

प्रश्न 2.
हमें पता है, हम भी धरती के बेटे हैं।’ रेखांकित पद वाक्य में किसी पद के बाद लगकर उसके अर्थ में विशेष प्रकार का बल ला देते हैं, इन्हें निपात कहते हैं। ही, भी, भर, तक, मात्र आदि निपात हैं। आप भी निपातयुक्त वाक्यों को छाँटकर लिखिए तथा निपात हटाकर वाक्य को पढ़कर देखिए कि उसके अर्थ में क्या परिवर्तन हुआ है।
उत्तर:
1. उनका होना, न होने से भी ज्यादा वेदनापूर्ण है।
2. उनके पीछे भी कई बच्चे और हैं।
3. पर ये तो सब बुरे काम हैं।
4. क्या तुम भी इंसान नहीं हो।
5. अगर ऐसा सोचते हो तो बुरे काम क्यों करते हो फिर?
6. जैसा भी हो। हम घर-घर सब्जी बेचेंगे।
7. ये भी भारत के बच्चे हैं।
8. इनका जीवन सुधर गया तो सब आपके गुण गाएँगे।
9. हम जीवन भर सदा आपके गुण गाएँगे।
10. भारत का झंडा हम भी अब अपने इन उज्ज्वल हाथों से फहराएँगे।

पाठ से आगे

प्रश्न 1.
“हम घर-घर सब्जी बेचेंगे।’ जेबकतरा बच्चे ने स्वरोजगार के रूप में सब्जी बेचना चुना। आप ऐसे कौन-कौन से कार्यों के बारे में जानते हैं? सूची बनाएँ।
उत्तर:

  1. दुकान पर सेल्समैन बनकर सामान बेचना।
  2. स्कूल में चौकीदार बना जा सकता है।
  3. घर-घर जाकर घरेलू सामान बेचना
  4. चाय की दुकान खोलना।
  5. साइकिल में पंक्चर लगाने का काम करना।

प्रश्न 2.
इन कार्यों के लिए किन-किन सामग्रियों की जरूरत होती है?
उत्तर:
पहले दो कार्यों के लिए तो किसी सामग्री की आवश्यकता नहीं होती है। बस थोड़ा-सा पढ़ना-लिखना आना चाहिए। बाकी के तीन कामों के लिए उसी से संबंधित सामग्री की आवश्यकता होती है। घरेलू सामान बेचने के लिए सर्फ, साबुन, तेल आदि सामग्री चाहिए। चाय की दुकान खोलने के लिए चाय की पत्ती, चीनी, दूध और कप आदि की आवश्यकता होती है। पंक्चर लगाने के लिए उससे संबंधित औजारों की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 3.
इन सामग्रियों के लिए कितने धन की जरूरत होती है? अनुमान लगाएँ।
उत्तर:
पहले दो कार्यों को करने के लिए धन की आवश्यकता नहीं होती है बल्कि उसमें काम करने के एवज में एक निश्चित तनख्वाह मिलती है। बाकी के तीनों काम भी ज्यादा खर्चीले नहीं हैं। उनमें भी थोड़ा-सा धन लगाकर काम को शुरू किया जा सकता है।

प्रश्न 4.
स्वरोजगार के लिए धन कहाँ-कहाँ से उपलब्ध हो सकता है? बड़ों से पूछकर लिखिए।
उत्तर:
स्वरोजगार के लिए बैंक से भी ऋण लिया जा सकता है। खादी ग्रामोद्योग संस्थान से भी स्वरोजगार के लिए बहुत कम ब्याज पर ऋण दिया जाता है। सरकार भी समय-समय पर स्वरोजगार के लिए धन देती है। जिला उद्योग केंद्र भी स्वरोजगार के लिए धन उपलब्ध कराता है।

यह भी करें

प्रश्न 1.
पाठ में सब्जी बेचने वाला, पॉलिश करने वाला बनने का उल्लेख हुआ है। ये अपने ग्राहकों को आवाज लगाकर बुलाते हैं। आप भी निम्नांकित धंधे वालों की आवाज़ लगाते हुए अभिनय कीजिएसब्जी बेचने वाला, चाय बेचने वाला, पॉलिश करने वाला, खिलौने बेचने वाला।
उत्तर:
संकेत-विद्यार्थी स्वयं करें।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
बुरे काम करने वाले को कौन पकड़ती है?
(क) पुलिस
(ख) पिता
(ग) पुत्र
(घ) भिखारी।

प्रश्न 2.
भीख माँगने से ज्यादा अच्छा है
(क) जीना
(ख) मरना
(ग) रोना
(घ) खोना।

प्रश्न 3.
गुंडों के हाथ में पड़कर गंदा काम कौन करता है?
(क) भिखारी
(ख) जेबकतरा
(ग) तस्कर
(घ) चोर।

प्रश्न 4.
तीनों बच्चों की जिंदगी में क्या है?
(क) काँटे
(ख) फूल
(ग) पेड़
(घ) पौधे।

प्रश्न 5.
पुत्र बच्चों को कहाँ भर्ती कराना चाहता है?
(क) अस्पताल
(ख) जेल
(ग) सुधार गृह
(घ) स्कूल।

प्रश्न 6.
बच्चे किसके पात्र नहीं हैं?
(क) नफरत
(ख) प्यार
(ग) क्रोध
(घ) गुस्सा

उत्तर:
1. (क)
2. (ख)
3. (ग)
4. (क)
5. (घ)
6. (क)

रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए

(शिखरों, धारा, दूषित, पेट, जीवन)
प्रश्न 1.
ये सब समाज को……………करते हैं।

प्रश्न 2.
पापी………नहीं होता तो हम यहाँ हाथ नहीं फैलाते।

प्रश्न 3.
गंगा-यमुना की…………से बिछुड़ गंदगी में लेटे हैं।

प्रश्न 4.
उन्नति के ऊँचे………..पर कौन नहीं चढ़ना चाहेगा?

प्रश्न 5.
इनका……….सुधर गया तो सब आपके गुण गाएँगे।

उत्तर:
1. दूषित
2. पेट
3. धारा
4. शिखरों
5. जीवन।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
समाज को कौन दूषित करता है?
उत्तर:
समाज को वे बच्चे, जो बुरा काम करते हैं, दूषित करते हैं।

प्रश्न 2.
भिखारी बच्चे के लिए क्या वेदनापूर्ण है?
उत्तर:
भिखारी बच्चे के लिए, उसके माँ-बाप का अंधा होना वेदनापूर्ण है।

प्रश्न 3.
बच्चे किसके लिए बुरे काम करते हैं?
उत्तर:
बच्चे अपने माता-पिता और पापी पेट के लिए बुरे काम करते हैं।

प्रश्न 4.
पिता द्वारा बच्चों को क्या बताया गया है?
उत्तर:
पिता द्वारा बच्चों को जनता की नजरों में गिरना बताया गया है।

प्रश्न 5.
बच्चे किसकी धारा से बिछुड़कर गंदगी में लेटे हैं?
उत्तर:
बच्चे गंगा-जमुना की धारा से बिछुड़कर गंदगी में लेटे हैं।

लघूत्तरात्मक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
पुत्र द्वारा यह पूछे जाने पर कि इनके माँ-बाप नहीं है। तीनों बच्चे क्या जबाव देते?
उत्तर:
तीनों बच्चों में से भिखारी कहता है कि मेरे माँ-बाप हैं। पर वे दोनों अंधे हैं। इस संसार में उनका जीवित रहना, न होने से ज्यादा दुख भरा है। जेबकतरा कहता है कि मेरे माँ-बाप नहीं हैं। मैं अनाथ हूँ। मेरा इस पूरी दुनिया में कोई नहीं है। तस्कर बताता है कि मेरी माँ जिंदा है, पर मेरे पिता इस दुनिया में नहीं हैं।

प्रश्न 2.
भिखारी, तस्कर और जेबकतरा, तीनों अपनी व्यथा किस प्रकार बताते हैं?
उत्तर:
बच्चे कहते हैं कि हम भी इसी धरती के बेटे हैं। लेकिन हमारी किस्मत हमसे रूठ गयी है। हम अच्छाइयों की गंगा-यमुना से बिछड़कर कीचड़ की गंदगी में फंस गये हैं। हमें इन बुराइयों से दूर कीजिए। हम बुरे कार्यों को छोड़ना चाहते हैं। कृपया हमारी सहायता कीजिए।

प्रश्न 3.
बच्चे पिता के कहने पर कौन-कौन से काम करने को तैयार हो जाते हैं?
उत्तर:
पिता जब बच्चों से यह कहते हैं, तुम लोग काम करो और अपना जीवन सुधारो तब पुत्र उनसे पूछता है कि कौन-सा काम तुम लोग कर सकते हो ? बच्चे कहते हैं कि हम घर-घर जाकर सब्जी बेचेंगे, जूतों पर पॉलिश कर लेंगे। वे तीनों घर में नौकर बनकर कपड़े धोने, बरतन माँजने और घर को साफ करने के लिए भी तैयार हो जाते हैं।

प्रश्न 4.
पुत्र बच्चों का जीवन किस प्रकार सुधारना चाहता है?
उत्तर:
पुत्र अपने पिता से बच्चों को घर ले चलने के लिए कहता है। वह अपने पिता से उन सबको स्कूल में भर्ती कराने के लिए प्रार्थना करता है। वह कहता है कि इन्हें घर का काम दे देंगे। ये सब काम के साथ-साथ पढ़ाई-लिखाई भी करेंगे। इस प्रकार उन बच्चों का जीवन भी सुधर जायेगा।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
नाटक के आधार पर पुत्र की मनोवृत्ति बताइए।
उत्तर:
नाटक के आधार पर पुत्र की मनोवृत्ति उन गंदे बच्चों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण थी। उसे उन बच्चों की स्थिति देखकर बहुत दु:ख हुआ। वह चाहता था कि किसी भी प्रकार उन बच्चों का जीवन सुधर जाए। इसीलिए वह अपने पिता से भी उन बच्चों को स्कूल में भर्ती कराने और उन्हें काम देने का आग्रह करता है। पिता के मन में संशय होने के बावजूद वह उन्हें समझाता है कि ये सब नफरत के पात्र नहीं हैं, बल्कि मजबूरी के कारण ये सब गंदे कामों को करते हैं। मुझमें और इनमें कोई फर्क नहीं है। आप धनवान हैं, अगर आपके कारण बच्चों का जीवन सुधर गया तो सब आपको बहुत धन्यवाद देंगे। ये सब भी पढ़-लिखकर अच्छे काम करके भारत माँ के सच्चे बच्चे कहलाएँगे।

प्रश्न 2.
हमें इस प्रकार के बच्चों को सुधारने की दिशा में क्या कदम उठाने चाहिए?
उत्तर:
हमें इस प्रकार के बच्चों को प्यार से समझाना चाहिए और उन्हें बुरे कामों की हानियों के बारे में बताना चाहिए। सरकार द्वारा भी ऐसे बच्चों के लिए बाल सुधार गृह बनाए गये हैं। जहाँ पर उन्हें अच्छी बातें सिखाने के साथ-साथ रोजगारपरक काम भी सिखाये जाते हैं। जिनसे आगे चलकर वे अपना जीवन-यापन सुचारु रूप से कर सकें। ऐसे बच्चों के लिए सामाजिक संस्थाएँ भी अलग-अलग क्षेत्रों में काम करती हैं। ये संस्थाएँ भटके हुए बच्चों को सही रास्ता दिखाती हैं। उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने लायक बनाती हैं। इन सबसे महत्वपूर्ण यह है कि हमें इन बच्चों को नफरत और तिरस्कार के बजाय प्रेम और सहानुभूति देनी चाहिए।

कठिन शब्दार्थ-
मद्धम = धीमा, हल्का। प्रकाश = रोशनी। पार्श्व = पीछे से, बगल से। उभरती = सुनायी देती है। बासी रोटी = रात की बनी हुई रोटी। फेट = कमरबंद, नाड़ा। चरकटे = जेबकतरा, चोर। तस्करी = गलत चीजों को इधर-उधर करना। दूषित = गंदा। भिक्षा = भीख। पात्र = बर्तन। वेदनापूर्ण = दुःख भरा। अनाथ = जिसके माँ-बाप न हो। धंधा = काम। अहसास = महसूस होना। अपमानित = बेइज्जती। हेटे = अच्छे न होना, बुरी। बदकिस्मत = बुरा भाग्य। अनपढ़ = बिना पढ़ा-लिखा। इच्छुक = अभिलाषा, इच्छा रखने वाला। उन्नति = प्रगति। शिखर = चोटी, ऊँचाई। नफरत = घृणा। लाचारी = मजबूरी। आग्रह = निवेदन। बेशक = बिना हिचक। उज्ज्वल = साफ। तरक्की = प्रगति, उन्नति।

गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्याएँ एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

(1) पुत्र: सुनो पिताजी, सुना आपने। कौन लोग थे? यह क्या चक्कर है?

पिता: बेटा, ये बच्चे हैं। छोटे-छोटे बच्चे। ये बुरे काम करते हैं। कोई जेब काटता, कोई भीख माँगता, कोई तस्करी का धंधा करता है। पुलिस पकड़ती है इनको। ये सब समाज को दूषित करते हैं।

पुत्र: क्यों करते हैं बुरे काम ये? क्या इनके माँ-बाप नहीं हैं।

संदर्भ एवं प्रसंग-
प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के ‘ये भी धरती के बेटे हैं’ नामक नाटक से लिया गया है। इसके लेखक ओमप्रकाश आदित्य हैं। इस नाटक में उन्होंने छोटे-छोटे बच्चे अपनी जीविका किस प्रकार चलाते हैं। यह बताया है।

व्याख्या-
एक पुत्र बाहर का शोर सुनकर अपने पिता से पूछता है कि पिताजी सुनो ये लोग कौन थे? यह सब क्या चक्कर है? इस पर पिताजी बताते हैं कि बेटा, ये छोटे-छोटे बच्चे हैं। ये सब बुरे काम करते हैं। इनमें से कोई जेब काटता है, कोई भीख माँगता है और कोई इधर का सामान उधर करके, तस्करी का काम करता है। इन सबको पुलिस पकड़ती है। ये सब समाज को गंदा करते हैं और इसमें बुराइयाँ फैलाते हैं। पुत्र अपने पिता से पूछता है कि ये सब बुरा काम क्यों करते हैं। क्या इनके माँ-बाप इन्हें कुछ नहीं कहते हैं।

प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
बाहर का शोर सुनकर पुत्र अपने पिता से क्या पूछता है?
उत्तर:
बाहर का शोर सुनकर पुत्र अपने पिता से पूछता है, ये लोग कौन हैं? ये क्या चक्कर है?

प्रश्न 2.
पिता पुत्र को क्या जवाब देते हैं?
उत्तर:
पिता पुत्र से कहते हैं ये छोटे-छोटे बच्चे हैं। ये सब बुरे काम करते हैं। ये सब समाज को दूषित करते हैं।

प्रश्न 3.
बुरे कामों में कौन-कौन से काम सम्मिलित हैं?
उत्तर:
बुरे कामों में जेब काटना, भीख माँगना और तस्करी का धंधा सम्मिलित है।

प्रश्न 4.
बुरे काम करने वालों को कौन पकड़ती है?
उत्तर:
बुरे काम करने वालों को पुलिस पकड़ती है।

(2) पुत्र: इन्हें ले चलो, इन्हें ले चलो। इन्हें स्कूल में भर्ती कर दो। इन्हें काम दे देंगे घर का काम करेंगे, पढ़ेंगे-लिखेंगे।, इनका जीवन सुधर जाएगा।

पिता: ये भिखमंगे, चोर, उचक्के इनको कैसे घर ले जाएँ। नहीं पिताजी, ये नफरत के पात्र नहीं हैं। लाचारी ने इनको ऐसा बना दिया। ये भी भारत के बच्चे हैं। इनमें मुझमें फर्क नहीं है। आप धनी हैं। इनका जीवन सुधर गया तो सब आपके गुण गाएँगे। पढ़-लिखकर अच्छे कामों में लगकर ये भी भारत माँ के सच्चे बच्चे कहलाएँगे। इन्हें ले चलो।

संदर्भ एवं प्रसंग-
प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के “ये भी धरती के बेटे हैं” नामक नाटक से लिया गया है। इसके लेखक ओमप्रकाश आदित्य हैं। इन पंक्तियों में एक पिता और पुत्र ने बिगड़े हुए बच्चों का जीवन सुधारने के लिए हाथ बढ़ाया है।

व्याख्या-
पुत्र पिता से कहता है कि इन बच्चों को अपने साथ ले चलो। इनका स्कूल में नाम लिखवा दो। इन्हें घर का काम दे देंगे। ये काम भी करेंगे और पढ़ेंगे-लिखेंगे भी, साथ ही इनका जीवन भी सुधर जायेगा। पिता के मन में संशय था, वे कहते हैं कि ये भिखमंगे, चोर, उचक्के हैं, इनको घर कैसे ले जा सकते हैं लेकिन पुत्र कहता है कि नहीं |पिताजी, ये नफरत करने के लिए नहीं हैं। इनको मजबूरी ने ऐसा बना दिया है। ये भी भारत के बच्चे हैं। इनमें और मुझमें कोई फर्क नहीं है। आप पैसे वाले हैं। इनका जीवन सुधर गया तो सब बच्चे आपकी तारीफ करेंगे। ये बच्चे भी पढ़-लिखकर अच्छे कामों में लगकर भारत माँ के सच्चे बच्चे कहलाएँगे। इन्हें अपने साथ ले चलिए।

प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
पुत्र ने अपने पिता से बच्चों को कहाँ भर्ती कराने के लिए कहा?
उत्तर:
पुत्र ने अपने पिता से बच्चों को स्कूल में भर्ती कराने के लिए कहा।

प्रश्न 2.
बच्चों का जीवन किस प्रकार सुधर सकता है?
उत्तर:
बच्चों का जीवन काम करने और पढ़ने-लिखने से सुधर सकता है।

प्रश्न 3.
पिता के मन में क्या संशय था?
उत्तर:
पिता के मन में यह संशय था कि भिखमंगे, चोर और उचक्के बच्चों को अपने घर किस प्रकार ले जाएँ।

प्रश्न 4.
पुत्र अपने पिता को क्या समझाता है?
उत्तर:
पुत्र अपने पिता को समझाता है कि इन बच्चों से नफरत नहीं, प्यार करना चाहिए। उन्होंने गंदे काम अपनी मजबूरी के चलते किये हैं। अगर इनका जीवन सुधर गया, तो सदैव आपके ऋणी रहेंगे।

(3) पिता: अच्छा तुम सब मेरे साथ चलोगे ? जो काम तुम्हें मैं दूंगा, सब कर लोगे!

सब: हाँ, हाँ बेशक आप धन्य हैं, आप जैसे सब धनी, उदार हो जाएँ तो कोई बच्चा भीख न माँगे, न जेब काटे। सबके दुख-सुख सब में बँट जाएँ। हम अनाथ बच्चों के सिर से मुसीबतों के ये काले बादल हट जाएँ। हम जीवनभर सदा आपके गुण गाएँगे। भारत का झंडा हम भी अब अपने इन उज्ज्वल हाथों से फहराएँगे।

संदर्भ एवं प्रसंग-
प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के ‘ये भी धरती के बेटे हैं’ नामक नाटक से लिया गया है। इसके लेखक ओमप्रकाश आदित्य हैं। इन पंक्तियों में लेखक भारत के अनाथ बच्चों का जीवन किस प्रकार सुखमय बन सकता है, इस बारे में बताता है।

व्याख्या-
अपने पुत्र के आग्रह को मानकर पिता कहते हैं। कि अच्छा मैं इन सबको अपने साथ ले चलूंगा। मैं जो भी काम तुम लोगों को करने के लिए दूंगा, वह सब तुम सबको करना पड़ेगा। इस पर सब बच्चे कहते हैं कि हम वैसा ही करेंगे, जैसा आप कहोगे। आप बहुत अच्छे हैं। अगर सभी धनवान व्यक्तियों का दिल आपकी तरह उदार बन जाये तो किसी भी बच्चे को भीख माँगने की जरूरत न पड़े और न कोई किसी की जेब काटे। सब अपने सुख-दु:ख आपस में बाँट लें। सब अनाथ बच्चों के सिर से सारी परेशानियाँ हठ जायें और उनके जीवन में खुशी आ जाए। हम हमेशा आपकी अच्छाई को याद रखेंगे। अब हम भी इस लायक बन जायेंगे कि भारत का झंडा अपने इन साफ-सुथारे हाथों से लहराएँगे।

प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
पिता किसके लिए राजी हो जाते हैं?
उत्तर:
पिता सब बच्चों को अपने साथ ले जाने के लिए राजी हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
बच्चे किसको बार-बार धन्यवाद दे रहे हैं?
उत्तर:
बच्चे धनी और उदार पिता को बार-बार धन्यवाद दे रहे हैं।

प्रश्न 3.
सब धनवान मनुष्यों में उदारता आ जाए, तो देश का भविष्य क्या होगा?
उत्तर:
सब धनवान मनुष्यों में उदारता आ जाए, तो कोई भी बच्चा न तो भीख माँगेगा, न जेब काटेगा। सब लोग खुशहाल हो जाएँगे।

प्रश्न 4.
भारत का झंडा किसके उज्ज्वल हाथों से फहरेगा?
उत्तर:
अनाथ बच्चों के ऊपर से परेशानी हटने पर, भारत का झंडा उनके उज्ज्वल हाथों से फहरेगा।

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