Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 18 महाजनपदकालीन भारत एवं मगध साम्राज्य
Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 18 महाजनपदकालीन भारत एवं मगध साम्राज्य
पाठगत गतिविधि आधारित प्रश्न
प्रश्न 1.
बौद्ध और जैन धर्म के बारे में जानकारी एकत्रित करें। (पृष्ठ सं. 133)
उत्तर:
बौद्ध धर्म- बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध थे। इनका बचपन का नाम सिद्धार्थ था। इनका जन्म 563 ई. पू. नेपाल की तराई में कपिलवस्तु के समीप लुम्बिनी में हुआ था। 29 वर्ष की अवस्था में इन्होंने ज्ञान प्राप्ति के लिए घर छोड़ दिया। इन्होंने मध्यम मार्ग अपनाने का उपदेश दिया। बुद्ध ने जो उपदेश और शिक्षाएँ द वही ‘बौद्ध धर्म के नाम से जानी जाती हैं। बौद्ध धर्म की दो शाखाएँ हैं-
- हीनयान
- महायान।भारत में बौद्ध धर्म के मानने वाले लोगों की संख्या लगभग 0.8 प्रतिशत है।
बौद्ध धर्म की शिक्षाएँ/उपदेश-बौद्ध धर्म की प्रमुख शिक्षाएँ व उपदेश अग्रलिखित हैं
(1) आर्य सत्य- बुद्ध ने सांसारिक दुखों के सम्बन्ध में चार आर्य सत्यों का उपदेश दिया है-
- मानव तथा मानवेत्तर जीवन सभी दु:ख से परिपूर्ण हैं।
- प्रत्येक दु:ख का कारण होता है।
- दुःख का अन्त सम्भव है।
- दु:ख से छूटने का मार्ग-‘दु:ख निरोध मार्ग’ है।
(2) अष्टांगिक मार्ग- बुद्ध ने सांसारिक दु:खों से छूटने के लिए अष्टांगिक मार्ग बताया। ये अष्टांगिक मार्ग हैं-
- सम्यक् दृष्टि
- सम्यक् संकल्प
- सम्यक् वाणी
- सम्यक् कर्मात
- सम्यक् आजीविका
- सम्यक् व्यायाम
- सम्यक् स्मृति
- सम्यक् समाधि।
(3) शील- बुद्ध ने निर्वाण अर्थात् दु:खों के अन्त के लिए निम्न दस शीलों पर बल दिया–
- सत्य
- अहिंसा
- अस्तेय (चोरी न करना)
- अपरिग्रह (किसी प्रकार की सम्पत्ति न रखना)
- मद्य सेवन न करना।
- असमय भोजन न करना
- सुखप्रद बिस्तर पर न सोना
- धन संचय न करना
- स्त्रियों से दूर रहना
- नृत्य-गाने आदि से दूर रहना। गृहस्थों के लिए केवल पाँच शील तथा भिक्षुओं के लिए दसों शील मानना अनिवार्य था।
जैन धर्म- जैन धर्म के संस्थापक ऋषभदेव थे। महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें एवं अन्तिम तीर्थंकर हुए। जैन धर्म के संस्थापकों को ‘तीर्थंकर’ कहा जाता है। महावीर स्वामी का जन्म 540 ई. पू. में कुण्डग्राम (वैशाली) में हुआ था। इन्होंने 30 वर्ष की उम्र में माता-पिता की मृत्यु के पश्चात् संन्यास जीवन ग्रहण कर लिया। 12 वर्षों की कठिन तपस्या करने के पश्चात् इन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ। जैन धर्म की दो प्रमुख शाखाएँ हैं-
- दिगम्बर,
- श्वेताम्बर। भारत में जैन धर्म के अनुयायियों की संख्या सम्पूर्ण जनसंख्या का लगभग 0.4 प्रतिशत है।
जैन धर्म की प्रमुख शिक्षाएँ/उपदेश-जैन धर्म की प्रमुख शिक्षाएँ व उपदेश निम्नलिखित हैं
(1) संसार और जीवन दु:ख का मूल है।
(2) जीवन का परम लक्ष्य मोक्ष प्राप्त करना है।
(3) जैन धर्म कर्म, कर्मफल तथा पुनर्जन्म में विश्वास करता है।
(4) कर्म के कारण ही जीवन शरीर ग्रहण करके बन्धन में पड़ता है।
(5) कर्मफल से बचने का मार्ग त्रिरत्न हैं। हैं। ये त्रिरत्न हैं
- सम्यक् दर्शन
- सम्यक् ज्ञान
- सम्यक् आचरण
(6) त्रिरत्न के अनुशीलन में निम्न पाँच महाव्रतों का पालन अनिवार्य है-
- अहिंसा
- सत्यवचन
- अस्तेय
- अपरिग्रह एवं
- ब्रह्मचर्य
(7) जैन धर्म में ईश्वर की मान्यता नहीं है। जैन धर्म में आत्मा की मान्यता है।
प्रश्न 2.
महाजनपद कालीन भारत के मानचित्र में ऐसे शहरों को चिन्हित करें जो आज भी देखे जाते हैं। (पृष्ठ 135)
उत्तर:
ऐसे प्रमुख शहर निम्नानुसार है
प्रश्न 3.
भारत के मानचित्र में 16 महाजनपदों एवं इनकी राजधानियों को दर्शायें। (पृष्ठसं. 135)
उत्तर:
भारत के प्रमुख जनपद व इनकी राजधानियाँ निम्नानुसार है
सोचें एवं बताएँ
प्रश्न 1.
लोहे के प्रयोग का कृषि उत्पादन पर क्या प्रभाव पड़ा होगा ? (पृष्ठ सं. 133)
उत्तर:
लोहे द्वारा बनाए गए औजारों से कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई जिससे लोगों को खाने हेतु पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न मिलने लगा।
प्रश्न 2.
कृषि उत्पादन बढ़ने से नगरों का विकास कैसे हुआ होगा ? (पृष्ठ सं. 133)
उत्तर:
कृषि उत्पादन बढ़ने से आर्थिक समृद्धि आयी तथा व्यापार का विकास हुआ। नवीन संस्कृति व सभ्यताओं का जन्म हुआ, जिससे नगरों के विकास पर अनुकूल प्रभाव पड़ा। परिणामस्वरूप नगरों का विकास हुआ होगा।
पाठ्यपुस्तक के अभ्यास प्रश्नोत्तर
प्रश्न एक से चार तक के सही उत्तर कोष्ठक में लिखिए
प्रश्न 1.
मत्स्य महाजनपद की राजधानी थी
(अ) विराटनगर
(ब) वाराणसी
(स) मथुरा
(द) अयोध्या
उत्तर:
(अ) विराटनगर
प्रश्न 2.
दक्षिणी भारत में स्थित महाजनपद था
(अ) मत्स्य
(ब) शूरसेन
(स) मगध
(द) अश्मक
उत्तर:
(द) अश्मक
प्रश्न 3.
सोलह महाजनपदों का सबसे पहले उल्लेख किस ग्रन्थ में मिलता है ?
(अ) अंगुत्तर निकाय
(ब) ऋग्वेद
(स) अथर्ववेद
(द) उपनिषद्
उत्तर:
(अ) अंगुत्तर निकाय
प्रश्न 4.
जनपद से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर:
जनपद से तात्पर्य जनों अर्थात् मनुष्यों के निवास स्थान से है।
प्रश्न 5.
महाजनपद कैसे बने ?
उत्तर:
बड़े जनपदों द्वारा छोटे जनपदों को अपने राज्य में मिलाकर महाजनपदों का निर्माण किया गया।
प्रश्न 6.
महाभारत काल में राजस्थान में कौन-सा महाजनपद स्थित था ?
उत्तर:
महाभारत काल में राजस्थान में मत्स्य महाजनपद स्थित था।
प्रश्न 7.
प्रमुख महाजनपदों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रमुख महाजनपदों के नाम क्रमशः मत्स्य, काशी, कौसल, अंग, मगध, वज्जि, मल्ल, चेदि, वत्स, कुरू, पांचाल, शूरसेन, अश्मक, अवन्ति, गांधार व कम्बोज हैं।
प्रश्न 8.
मगध के प्रमुख शासकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
मगध के प्रमुख शासकों में बिम्बिसार अजातशत्रु, शिशुनाग, महापद्मनंद व घनानंद को शामिल करते हैं।
प्रश्न 9.
मह्मजनपदोंकी शासन व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
महाजनपदों की शासन व्यवस्था राजतंत्रात्मक एवं गणतंत्रात्मक दोनों प्रकार की थी। इस व्यवस्था के क्रियान्वयन के लिए राज्यों में राजा, मंत्रिपरिषद, परिषद, सेना व पुलिस, न्याय प्रणाली तथा कर व आय-व्यय आदि अनेक अभिकरण होते थे।
प्रश्न 10.
मगध महाजनपद एक साम्राज्य कैसे बना? विस्तृत रूप से बताइए।
उत्तर:
मगध महाजनपद राजनीतिक, भौगोलिक एवं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था क्योंकि यह अन्य महाजनपदों को अपने में विलीन करके विशाल साम्राज्य के रूप में विकसित हुआ था।
मगध साम्राज्य के उत्थान एवं समृद्धि में वहाँ के शासकों का भी महत्वपूर्ण योगदान था जिन्होंने एक विशाल सेना संगठित कर व्यवस्थित शासन प्रणाली को जन्म दिया था। परिणाम स्वरूप मगध महाजनपद छठी से चौथी शताब्दी ई. पू. में लगभग दो सौ साल के भीतर ही मगध साम्राज्य में परिवर्तित हो गया था।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
(i) महाजनपदों की संख्या थी
(अ) 08
(ब) 12
(स) 16
(द) 18.
उत्तर:
(स) 16
(ii) कौशल महाजनपद की राजधानी थी
(अ) राजपुर
(ब) श्रावस्ती
(स) मथुरा
(द) तक्षशिला।
उत्तर:
(ब) श्रावस्ती
(iii) किस महाजनपद में गणतंत्रात्मक शासन व्यवस्था थी ?
(अ) कौसल
(ब) मगध
(स) अवन्ति
(द) मल्ल।
उत्तर:
(द) मल्ल।
(iv) अवन्ति महाजनपद स्थित था
(अ) वर्तमान उज्जैन में
(ब) वर्तमान दिल्ली में
(स) वर्तमान इलाहाबाद में
(द) वर्तमान बिहार में ।
उत्तर:
(अ) वर्तमान उज्जैन में
(v) शिशुनाग किस वंश का शासक था ?
(अ) हर्यक वंश
(ब) शिशुनाग वंश
(स) नन्द वंश ।
(द) मौर्य वंश ।
उत्तर:
(ब) शिशुनाग वंश
रिक्त स्थान भरिए
(i) काशी महाजनपद की राजधानी …….. थी।
(ii) परिषद् वर्तमान …….. के समान होती थी।
(iii) ……….. न्याय का सर्वोच्च अधिकारी होता था।
(iv) हर्यक वंश के शासक …….. एवं ……. थे।
(v) सिकन्दर की सेना ने ……. नदी से आगे बढ़ने से इन्कार कर दिया था।
उत्तर:
1. वाराणसी
2. लोकसभा
3. राजा
4. बिम्बिसार, अजातशत्रु
5. व्यास।
स्तम्भ ‘अ’ को स्तम्भ ‘ब’ से सुमेलित कीजिए।
उत्तर:
(i) (ब)
(ii) (द)
(iii) (अ)
(iv) (स).
उत्तर:
(i) (स)
(ii) (द)
(iii) (अ)
(iv) (ब)
अतिलघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
छठी शताब्दी ई. पू. कौन-सा विश्वविद्यालय शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था ?
उत्तर:
छठी शताब्दी ई. पू. तक्षशिला विश्वविद्यालय शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था।
प्रश्न 2.
गान्धार महाजनपद की स्थिति स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
गान्धार महाजनपद पूर्वी अफगानिस्तान में स्थित था। इसकी राजधानी तक्षशिला थी।
प्रश्न 3.
छठी शताब्दी ई. पू. गंगा एवं यमुना के तटों पर किन प्रमुख नगरों की स्थापना हुई थी ?
उत्तर:
छठी शताब्दी ई. पू. गंगा एवं यमुना के तटों पर इन्द्रप्रस्थ, हस्तिनापुर, कौशाम्बी एवं बनारस आदि नगरों की स्थापना हुई थी।
प्रश्न 4.
मगध साम्राज्य के उत्थान एवं समृद्धि में किस शासक का विशेष योगदान था ?
उत्तर:
मगध साम्राज्य के उत्थान एवं समृद्धि में अजातशत्रु नामक शासक का विशेष योगदान था।
प्रश्न 5.
नंद वंश के पतन का क्या कारण था ?
उत्तर:
नंद वंश के पतन का कारण नंद शासकों द्वारा धन संचय एवं विशाल सेना रखने के लिए प्रजा पर लगाया गया अत्यधिक कर था।
प्रश्न 6.
मौर्यवंश की स्थापना मगध में किसने की थी ?
उत्तर:
मौर्यवंश की स्थापना मगध में चन्द्रगुप्त ने की थी।
लघूत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
महाजनपदों की प्रारम्भिक शासन स्थिति कैसी थी?
उत्तर:
महाजनपदों की प्रारम्भिक शासन स्थिति निम्नांकित थी
- प्रत्येक महाजनपद की राजधानी होती थी कई राजधानियों में किलेबंदी भी की गई थी।
- महाजनपद के शासक नियमित सेना रखने लगे थे।
- सैनिकों को पूरे वर्ष का वेतन दिया जाता था। कुछ भुगतान सम्भवतः आहत सिक्कों के रूप में होता था।
प्रश्न 2.
निम्न महाजनपदों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
(i) काशी
(ii) अंग
उत्तर:
(i) काशी- यह महाजनपद वर्तमान उत्तर प्रदेश के वाराणसी और उसके आसपास के क्षेत्र में स्थित था। इसकी राजधानी वाराणसी थी। जो अपने वैभव एवं शिल्प के लिए बहुत प्रसिद्ध थी। बौद्ध जातक कथाओं में इस राज्य की शक्ति और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के विषय में चर्चा हुई है।
(ii) अंग- यह महाजनपद वर्तमान बिहार के मुंगेर एवं भागलपुर क्षेत्र में था। इसकी राजधानी चम्पा थी। जो उस समय व्यापार व सभ्यता का प्रसिद्ध केन्द्र थी। बाद में मगध ने इस राज्य पर अधिकार कर लिया था। अंग एवं मगध राज्यों के मध्य चम्पा नदी प्रवाहित होती थी।
प्रश्न 3.
निम्न पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए
(i) चेदि
(ii) कुरु
उत्तर:
(i) चेदि- यह महाजनपद वर्तमान बुन्देलखण्ड के पश्चिमी भाग में स्थित था। इसकी राजधानी शक्तिमती थी जिसे बौद्ध साक्ष्य में सोत्थवती कहा गया है। चेदि लोगों का उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। महाभारत काल में यहाँ का राजा शिशुपाल था। इसी समय इस वंश की एक शाखा कलिंग में स्थापित हुई थी।
(ii) कुरु- यह महाजनपद वर्तमान दिल्ली के आस-पास स्थित था। इसकी राजधानी इन्द्रप्रस्थ थी। हस्तिनापुर इस राज्य का एक अन्य प्रसिद्ध नगर था।
प्रश्न 4.
शूरसेन महाजनपद के बारे में आप क्या जानते हैं? लिखिए।
उत्तर:
शूरसेन महाजनपद में उत्तर प्रदेश का मथुरा, वृन्दावन एवं आसपास का क्षेत्र आता था। इसकी राजधानी मथुरा थी। महाभारत तथा पुराणों में यहाँ के राजवंशों को यदु अथवा यादव कहा गया है। इसी वंश की यादव शाखा में श्रीकृष्ण उत्पन्न हुए थे।
प्रश्न 5.
राजतंत्रात्मक तथा गणतंत्रात्मक शासन व्यवस्था में क्या अन्तर था ?
उत्तर:
राजतंत्रात्मक तथा गणतंत्रात्मक शासन व्यवस्था में निम्नांकित अन्तर थाराजतन्त्रात्मक शासन व्यवस्था-इसमें शासन की सम्पूर्ण शक्ति एक व्यक्ति के हाथ में निहित होती थी। यह वंशानुगते शासन होता था। गणतंत्रात्मक शासन व्यवस्था-इसमें शासन गण या समूह द्वारा संचालित होता था जिसके प्रतिनिधि जनता से निर्वाचित होते थे।
प्रश्न 6.
मगध महाजनपद की महत्ता के कारण बताइए।
उत्तर:
मगध महाजनपद की महत्ता के कारण निम्नांकित थे
- मगध के कुछ हिस्सों पर जंगल थे, जहाँ से सेना के लिए हाथी पकड़े जा सकते थे।
- मगध गंगा एवं सोन नदियों से घिरा था। यह नदियाँ जल यातायात, जल आपूर्ति एवं भूमि के उपजाऊपन के लिए महत्वपूर्ण र्थी
- मगध में लौह खनिज के भण्डार थे जिससे लोहा निकाल कर मजबूत औजारों एवं हथियारों का निर्माण किया जा सकता था।
- मगध की राजधानियाँ सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थित थीं।
प्रश्न 7.
मगध साम्राज्य के उत्थान में नन्द वंश के योगदान को समझाइए।
उत्तर:
नन्द वंश के प्रमुख शासक महापद्मनन्द एवं घनानन्द थे। इन शासकों ने एक विशाल सेना संगठित कर व्यवस्थित शासन प्रणाली को जन्म दिया तथा पाटलीपुत्र को समस्त उत्तरी भारत का राजनीतिक केन्द्र बिन्दु बनाया। पाटलीपुत्र शीघ्र ही न केवल राजनीतिक वरन् शिक्षा व संस्कृति का भी केन्द्र बन गया। नन्द राजाओं ने माप-तौल की नई प्रणाली भी चलाई थी।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
छठी शताब्दी ई. पू. स्थित सोलह महाजनपदों के नाम, उनकी राजधानी एवं वर्तमान स्थान जहाँ ये महाजनपद स्थित थे, की एक सूची बनाइए।
उत्तर:
छठी शताब्दी ई. पू. स्थित सोलह महाजनपदों के नाम, उनकी राजधानियों एवं वर्तमान स्थान जहाँ ये महाजनपद स्थित थे, की सूची निम्नांकित है
प्रश्न 2.
छठी शताब्दी ई. पू. स्थित प्रमुख राजतंत्रात्मक एवं गणतंत्रात्मक महाजनपदों पर विस्तृत लेख लिखिए। उत्तर:छठी शताब्दी ई. पू. स्थित प्रमुख राजतंत्रात्मक एवं गणतंत्रात्मक महाजनपदों पर विस्तृत लेख निम्नानुसार है
1. राजतंत्रात्मक महाजनपद
(i) कोसल- यह महाजनपद वर्तमान उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र में था। इसकी राजधानी श्रावस्ती थी। रामायण में इसकी राजधानी अयोध्या बताई गई है। प्राचीन काल में दिलीप, रघु, दशरथ एवं श्रीराम आदि सूर्यवंशीय शासकों ने इस पर शासन किया था।
(ii) मगध- यह महाजनपद वर्तमान बिहार के पटना एवं गया जिलों के क्षेत्र में था। इसकी प्राचीनतम राजधानी गिरिव्रज थी। बाद में राजगृह व पाटलीपुत्र को इसकी राजधानी बनाया गया था।
(iii) वत्स- यह महाजनपद गंगा नदी के दक्षिण तथा काशी व कोसल के पश्चिम में स्थित था। इसकी राजधानी कौशाम्बी थी जो इलाहाबाद से लगभग 48 किमी. दूर है। बुद्ध के समय यहाँ का राजा उदयन था। यह राज्य व्यापार का प्रसिद्ध केन्द्र था। उदयन की मृत्यु के पश्चात् मगध ने वत्स राज्य पर अधिकार कर लिया था।
(iv) अवन्ति- यह महाजनपद वर्तमान उज्जैन तथा नर्मदा घाटी के क्षेत्र में स्थित था। इसकी उत्तरी राजधानी उज्जैन एवं दक्षिणी राजधानी महिष्मति थी। बाद में मगध ने इस राज्य पर अधिकार कर लिया था।
2. गणतंत्रात्मक महाजनपद
(i) वज्जि- यह महाजनपद गंगा नदी के उत्तर में नेपाल की पहाड़ियों तक, पश्चिम में गण्डक नदी तक तथा पूर्व में सम्भवतः कोसी व महीनन्दा नदियों के तटवर्ती जंगलों तक विस्तृत था। इसकी राजधानी वैशाली थी। यह एक संघात्मक गणराज्ये था जो आठ कुलों से बना था। बाद में मगध ने इस पर अधिकार कर लिया था।
(ii) मल्ल- यह महाजनपद वर्तमान बिहार के पटना जिले के पास कुशीनगर एवं पावा क्षेत्र तथा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर व देवरिया जिले में स्थित था। यह गणराज्य दो भागों में बँटा था। इसके एक भाग की राजधानी कुशीनगर तथा दूसरे भाग की राजधानी पावा थी । मल्ल लोग अपने साहस एवं युद्धप्रियता के लिए विख्यात थे। बाद में मगध ने इस पर अधिकार कर लिया था।
(iii) पांचाल– यह महाजनपद वर्तमान बदायूँ एवं फर्रुखाबाद, रहेलखण्ड व मध्ये दोआब क्षेत्र में स्थित था। उत्तरी पांचाल की राजधानी अहिच्छत्र तथा दक्षिणी पांचाल की राजधानी कांपिल्य थी।
(iv) कम्बोज- यह महाजनपद भारत के पश्चिमोत्तर भाग में स्थित था। इसकी राजधानी राजपुर थी। द्वारका इस राज्य का प्रमुख नगर था। यह राज्य पहले एक राजतन्त्र था किन्तु बाद में गणतन्त्र बन गया था।
प्रश्न 3.
महाजनपद कालीन शासन प्रणाली पर विस्तृत प्रकाश डालिए।
उत्तर:
महाजनपद कालीन शासन प्रणाली निम्नांकित र्थी
(i) राजा- राजा को सम्भवत: गणपति कहा जाता था। कुछ महाजनपदों में उसे राजा भी कहते थे। राजा निर्वाचित किया जाता था तथा वह अपने राज्य के लोगों की भलाई के लिए कार्य करता था।
(ii) मंत्रिपरिषद्- मन्त्रिपरिषद् राजा को शासन चलाने में सलाह देती थी। मंत्रिपरिषद् शासन की महत्वपूर्ण इकाई मानी जाती थी।
(iii) परिषद्- यह वर्तमान लोकसभा के समान होती थी। राजा और मन्त्रिपरिषद् शासन के बारे में परिषद को जानकारी देते थे। परिषद् के सदस्यों का चुनाव जनता करती थी। परिषद् में राजा एवं मन्त्रिपरिषद् के सदस्य सम्मिलित होते थे।
(iv) सेना तथा पुलिस- गणराज्य की रक्षा के लिए सेना और सेनापति होता था। जनता युद्ध के समय सेना का सहयोग करती थी। नगरों की देखभाल के लिए पुलिस व्यवस्था होती थी।
(v) न्याय व्यवस्था- राजा न्याय का सर्वोच्च अधिकारी था। गणराज्यों में न्याय की उत्तम व्यवस्था थी। नीचे के न्यायालय में किसी भी व्यक्ति को अपराधी घोषित किए जाने पर वह ऊपर के न्यायालय में भेजा जाता था तथा निर्दोष पाए जाने पर उसे छोड़ दिया जाता था।
(vi) कर व्यवस्था एवं आय-व्यय- महाजनपदों में राजा नियमित रूप से कर वसूल करते थे। कृषि, व्यापार एवं व्यवसाय आदि कर के स्रोत थे। इसके अतिरिक्त वनों, खदानों से भी राज्य को आय प्राप्त होती थी जिससे मन्त्रिपरिषद्, सेना और पुलिस का खर्चा चलाया जाता था।