Rajasthan Board RBSE Class 6 Sanskrit व्याकरण शब्द-रूप प्रकरणम्
Rajasthan Board RBSE Class 6 Sanskrit व्याकरण शब्द-रूप प्रकरणम्
(i) संज्ञा प्रकरण
किसी प्राणी, वस्तु, स्थान भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। यथा- रामः, सूर्य, चन्द्र, कपि, अरि, पिक, कुक्कुट, कूर्म आदि। संज्ञा शब्द तीनों लिंगों में होते हैं। यथापुल्लिग-राम, हरि, पति, सखि, गुरु, सुधी, पितृ आदि। स्त्रीलिंग-रमा, मति, नदी, धेनु, वधू, लक्ष्मी, मातृ, स्वसृ
आदि। नपुंसकलिंग-दधि, वारि, पयस्, जगत्, फल, पुस्तक, नगर आदि ।
प्रमुख संज्ञा शब्दों के रूप
(1) अकारान्त पुंल्लिग ‘राम’ शब्द
नोट- इसी प्रकार अकारान्त पुल्लिग शब्द अध्यापक, मनुष्य, शुक, जनक, छात्र, अश्व, घट, गज, मृग, वृक्ष, शिक्षक, विद्यालय, कृषक, हिमालय, ग्राम, बालक, कृष्ण, शिव आदि के रूप भी चलेंगे।
(2) इकारान्त पुंल्लिग ‘हरि’ शब्द
नोट-इसी प्रकार इकारान्त पुल्लिग शब्दमुनि, कपि, गिरि, रवि, ऋषि, कवि अदि के रूप भी चलेंगे।
(3) इकारान्त पुंल्लिग ‘पति’ (स्वामी) शब्द
विशेष- इकारान्त ‘पति’ शब्द के रूप भिन्न प्रकार से चलते हैं। ‘पति’ से पहले कोई शब्द जुड़ा होगा तो उस शब्द के रूप हरि, कवि या मुनि के समान चलेंगे; जैसे-गणपति शब्द से तृतीया विभक्ति में ‘गणपतिना’ आदि रूप होंगे, गणपत्या आदि नहीं।
(4) अकारान्त पुंल्लिग भानु (सूर्य) शब्द
नोट-इसी प्रकार उकारान्त पुल्लिग गुरु, शिशु, शम्भु आदि शब्दों के रूप चलेंगे।
(5) ऋकारान्त पुंल्लिग ‘पितृ’ (पिता) शब्द
(6) आकारान्त स्त्रीलिंग ‘लता’ शब्द
नोट-इसी प्रकार छात्रा, अध्यापिका, शाला, गंगा, यमुना, अजा, बालिका, माला, महिला, सीता, कक्षा, कन्या, वाटिका, रमा, कमला, यशोदा आदि आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के रूप चलेंगे।
(7) इकारान्त स्त्रीलिंग ‘मति’ (बुद्धि) शब्द
(8) ईकारान्त स्त्रीलिंग ‘नदी’ शब्द
(9) उकारान्त स्त्रीलिंग ‘धेनु’ (गाय) शब्द
(10) ऊकारान्त स्त्रीलिंग ‘वधू’ (बढ़े) शब्द
अभ्यास
अधोलिखित रिक्तस्थानानि समुचितपदेन पूरयत (निम्नलिखित रिक्तस्थानों को उचित शब्द रूप से पूर्ण कीजिए)
प्रश्न 1.
हरि = विष्णु, वानर (हरण करने वाला)
उत्तर:
(i) हरयः (ii) हरिम् (iii) हरिभ्याम् (iv) हरये (v) हरे: (vi) हरीणाम् (vii) हौं (viii) है हरयः
प्रश्न 2.
इकारान्त स्त्रीलिंग ‘मति’ (बुद्धि) शब्द
उत्तर:
(i) मती (ii) मतिम् (iii) मतिभिः (iv) मत्यै, मतये (v) मत्याः , मतेः (vi) मत्योः (vii) मतिषु (viii) हे मती !
प्रश्न 3.
ईकारान्त स्त्रीलिंग ‘नदी’ शब्द
उत्तर:
(i) नद्यौ (ii) नदीम् (iii) नदीभिः (iv) नदीभ्याम् (v) नद्याः (vi) नदीनाम् (vii) नद्यो: (viii) हे नद्यः !
प्रश्न 4.
उकारान्त स्त्रीलिंग ‘धेनु’ (गाय) शब्द
उत्तर:
(i) धेनू (ii) धेनुम् (iii) धेनुभ्याम् (iv) धेनुभ्यः (v) धेन्वाः , धेनोः (vi) धेन्वोः (vii) धेनुषु (viii) है धेनू !
प्रश्न 5.
ऊकारान्त स्त्रीलिंग ‘वधू’ (बहू) शब्द
उत्तर:
(i) वधू: (ii) वध्वौ (iii) वधूभिः (iv) वध्वै (v) वधूभ्याम् (vi) वधूनाम् (vii) वध्वोः (viii) हे वधु !
(ii) सर्वनाम
संज्ञा शब्दों के बार-बार प्रयोग से बचने के लिए संज्ञा शब्दों के स्थान पर प्रयोग किए जाने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं। जैसे-तद्, अस्मद्, किम्, एतद्, इदम्, सर्व, यद्, भवत्। आदि । सर्वनाम शब्दों के रूप भी संज्ञा शब्दों की तरह सात विभक्तियों तथा तीन वचनों (एकवचन, द्विवचन, बहुवचन) में चलते हैं। सर्वनाम शब्दों के रूपों में संबोधन नहीं होता।
सर्वनाम के भेद – सर्वनाम के निम्न भेद होते हैं –
- पुरुषवाचक,
- निजवाचक,
- निश्चयवाचक,
- अनिश्चयवाचक तथा
- प्रश्नवाचक।
यहाँ कुछ प्रमुख सर्वनाम शब्दों के रूप दिए जा रहे हैं
नोट- अस्मद् और युष्मद के रूप तीनों लिंगों में समान होते हैं तथा शेष सर्वनामों के रूप
- पुंल्लिग
- स्त्रीलिंग तथा
- नपुंसकलिंग में अर्थात् तीनों लिंगों में चलते हैं।
(i) अस्मद (मै)
(ii) युषमद (तू)
(iii) तत् (वह) पुंल्लिग
(iv) तत् (वह) स्त्रीलिंग
(v) तत् (व) नपुंसकलिंग
(vi) किम् (कौन) शब्द-पुल्लिग
(vii) किम् (वह्य शब्द-स्त्रीलिंग
(vill) किम् (क्या) नपुंसकलिंग
(ix) इदम् (यह) पुंल्लिग
(x) इदम् (यह) स्त्रीलिंग
(xi) इमम् (य) नपुंसकलिंग
(xii) भवती (आप) स्त्रीलिंग
सर्व (सब) एतद् (यह) यद् (जो) आदि सर्वनाम शब्दों के रूपं तीनों लिंगों ‘तद्’ की तरह चलेंगे।
(i) सर्व (सब) पुंल्लिग
(ii) सर्व (सब) स्त्रीलिंग
(iii) सर्व (सब) नपुंसकलिंग
नोट- इसी प्रकार यादृश् (जैसा) कीदृश् (कैसा) ईदृश् (ऐसा) अस्मादृश् (हम जैसा) युष्मादृश् (तुम्हारे जैसा) मादृश् (मेरे जैसा) त्वादृश् (तेरे जैसा) भवादृश् ( आप जैसा) आदि शब्दोंके रूप चलते हैं। ये पंल्लिग वस्त्रीलिंग में एक जैसे होते हैं।